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OROP पर सरकार और पूर्व फौजियों के बीच टकराव की स्थिति अब भी खत्म नहीं हुई है. जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पूर्व फौजियों ने OROP लागू करने के सरकार के फैसले का स्वागत किया है. लेकिन वे स्वैच्छिक रिटायरमेंट यानी वीआरएस लेने वाले फौजियों को इसके दायरे से बाहर रखने पर समहत नहीं हैं.
बड़ा धक्काः एक मांग मानी, 4 नहीं
मानी
सरकार ने स्वैच्छिक रिटायरमेंट लेने वालों को फिलहाल OROP के दायरे से
बाहर रखने का फैसला किया है. फौजियों ने इसे खारिज कर दिया है. पूर्व सैन्य अधिकारी
सतबीर सिंह ने कहा कि प्रमोशन न मिलने के कारण हमारे 40 फीसदी फौजी स्वैच्छिक
रिटायरमेंट ही ले लेते हैं. यह बात सरकार को भी मालूम है. सरकार ने हमारी 4 मांगें नहीं मानी. अगर ये लागू नहीं होती हैं तो यह
बड़ा धक्का है.
कर्नल की बेटी बोली- खेल खेलना बंद करें
कर्नल पुष्पेंद्र की बेटी भी फौजियों के हक की जंग में उतर आई हैं. उन्होंने कहा कि सरकार हमारे साथ ये खेल खेलना बंद करे. आमरण अनशन पर बैठे कर्नल पुष्पेंद्र की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा था.
पूर्व ले.ज. बोले- सैनिकों पर सियासत न हो
ले. जन. रिटायर्ड शंकर प्रसाद ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस देश में सैनिकों के मसले पर भी राजनीति हो रही है. प्रसाद ने आज तक से बातचीत में कहा कि इस मुद्दे पर सियासत न हो.