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OROP विवाद: अनशन कर रहे पूर्व सैनिक अस्पताल में भर्ती

‘एक रैंक एक पेंशन’ की मांग को लेकर पिछले 8 दिनों से आमरण अनशन कर रहे कर्नल पुष्पेंद्र सिंह (रिटायर्ड) को सोमवार सेना अस्पताल में भर्ती कराया गया. उनकी मेडिकल रिपोर्ट में केटोन का स्तर बढ़ा हुआ पाए जाने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया.

OROP Protest OROP Protest
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 अगस्त 2015,
  • अपडेटेड 8:51 AM IST

‘एक रैंक एक पेंशन’ की मांग को लेकर पिछले 8 दिनों से आमरण अनशन कर रहे कर्नल पुष्पेंद्र सिंह (रिटायर्ड) को सोमवार सेना अस्पताल में भर्ती कराया गया. उनकी मेडिकल रिपोर्ट में केटोन का स्तर बढ़ा हुआ पाए जाने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया.

इंडियन एक्स सर्विसमैन मूवमेंट के अध्यक्ष मेजर जनरल सतबीर सिंह ने बताया, ‘जिस डॉक्टर ने उनकी जांच की उन्होंने बताया कि केटोन का स्तर बढ़ गया है और उन्हें जल्द अस्पताल में भर्ती किए जाने की जरूरत है. कर्नल सिंह अस्पताल जाने को इच्छुक नहीं थे लेकिन हमने उन्हें भर्ती होने के लिए मनाया.’ केटोन की अधिकता शरीर के लिए जहरीली होती है.

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जब उन्हें अस्पताल ले जाया जा रहा था तो एक अन्य पूर्व सैनिक हवलदार साहेब सिंह (रिटायर्ड) उनके स्थान पर आए और आमरण अनशन शुरू कर दिया. दो अन्य हवलदार मेजर सिंह (रिटायर्ड) और हवलदार अशोक चौहान (रिटायर्ड) भी आमरण अनशन कर रहे हैं.

कर्नल बोले- मैं लौटूंगा
कर्नल पुष्पेन्द्र ने कहा, ‘मैं वापस लौटूंगा और अपना अनशन जारी रखूंगा. मैं जाने को तैयार नहीं हूं लेकिन यहां के लोग चाहते हैं कि मैं अस्पताल में भर्ती हो जाऊं क्योंकि उनका कहना है कि केटोन स्तर बढ़ने से दिमाग के काम-काज पर असर पड़ता है.’ उन्होंने कहा कि सरकार को लंबित ओआरओपी मुद्दे को यथाशीघ्र लागू करना चाहिए ताकि भूख हड़ताल कर रहे सैनिक अपना विरोध खत्म करें.

यूनाइटेड फ्रंट ऑफ एक्स सर्विसमैन के मीडिया सलाहकार कर्नल अनिल कौल (रिटायर्ड) ने कहा, ‘दिल्ली प्रशासन और दिल्ली पुलिस के कर्मियों ने एंबुलेंस को बंधक बनाने की कोशिश की और उन्हें आरएमएल अस्पताल ले गए. हम उन्हें निजी कार में आर्मी रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल ले गए. हमने सेना प्रमुख से आग्रह किया है कि उनकी बेहतरीन चिकित्सा सुनिश्चित की जाए.’ पुष्पेन्द्र की बेटी ने कहा, ‘सैनिक अब क्रोधित हैं और सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि सैनिकों को उनके अधिकार दिए जाएं और उनसे इस तरीके से बर्ताव नहीं किया जाए.’

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(इनपुट: भाषा)

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