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बिहारः कोर्ट परिसर में भी चलती है मुन्ना की दबंगई

बिहार के मुजफ्फरपुर में कत्ल के मामले में उम्र कैद की सज़ा काट रहे मुन्ना शुक्ला पर पिछले हफ्ते ही ये इलज़ाम लगा कि वो जेल से ही रंगदारी वसूल रहा है. फिलहाल नाक बचाने के लिए सरकार ने बस इतना जरूर किया कि पर्चे बांटने देने के लिए एक सब-इंस्पेक्टर और पांच सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया. उसकी रंगदारी की हकीकत जानने के लिए पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

मुन्ना शुक्ला मुन्ना शुक्ला
सुजीत कुमार झा
  • पटना,
  • 02 नवंबर 2012,
  • अपडेटेड 5:53 AM IST

कत्ल के मामले में वो उम्र कैद की सज़ा काट रहा है. यानी फिलहाल वो जेल में है. फिर पिछले हफ्ते ही ये इलज़ाम लगा कि वो जेल से ही रंगदारी वसूल रहा है और अब एक नई तस्वीर के साथ वो खुद सामने आता है. हथकड़ी को जेवर बना कर वो अदालत परिसर के अंदर ही कानून की तमाम धज्जियां उड़ाता है. फिर जब इतने पर भी उसका मन नहीं भरता तो वो भूले बिसरे गीत सुनाना शुरू कर देता है.

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इस अपराधी की ऐसी ठसक ऐसी जगह पर इससे पहले आपने कब और कहां देखी? हथकड़ी को यूं ज़ेवर बना कर एक हाथ में पहनते इससे पहले कब किसी मुजरिम को देखा? अदालत परिसर के अंदर ज़ेवरनुमा हथकड़ी पहने पर्चे बांटते क्या आपने कभी किसी अपराधी को देखा है?

अब जरा आपको अदालत परिसर के अंदर का मंजर बताते हैं. यह अपराधी बाकायदा मेज़ सजा कर खुल्लमखुल्ला मीडिया से भी मुखातिब हो गया. अब आप कहेंगे कि भला इनकी इस ठसक या एक हाथ की हथकड़ी पर इतना हंगामा बरपा क्यों? तो माफ कीजिएगा क्योंकि गलती हमारी है. असल में हम आपको ये बताना तो भूल ही गए कि ये साहब कत्ल के मामले में बाकायदा उम्रकैद की सज़ा कटा रहे हैं. और ये वही सज्जन हैं जिनपर पिछले दिनों जेल से ही सात करोड़ की रंगदारी मांगने का इलज़ाम लगा है.

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जी हं. इस अपराधी का नाम है मुन्ना शुक्ला. नेता से बाहुबली बने या बाहुबली से नेता. इस बहस को छोड़ दीजिए. पर फिलहाल कत्ल के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे हैं. अब जुर्म का खाता चूंकि ज़रा बड़ा है लिहाज़ा बाकी जुर्मों के हिसाब-किताब के लिए अकसर जेल से निकल कर दूसरी अदालतों मे भी हाजिरी लगानी होती है. ऐसी ही एक हाज़िरी शुक्रवार को मुजफ्फरपुर अदालत में लगी.

यहां भी इनपर कत्ल के एक मुकदमे की सुनवाई चल रही है. पर बाहुबली होने के साथ-साथ भाई चूंकि पूर्व विधायक भी हैं लिहाजा पूरे जलवे के साथ कोर्ट पधारे. मीडिया को हाथ जोड़ा, रंगदारी की खबर दिखा कर मशहूर करने के लिए धन्यवाद दिया.

बात इतने पर ही नहीं रुकी. मुन्ना जी को कुछ और भी कहना था. लिहाज़ा हंसी-ठिठोली के बीच कोर्ट परिसर के अंदर ही मेज़ सजा दी और अपने तेवर में रंगदारी वसूलने के इलजाम पर दबंगई अंदाज में जवाब भी दिया.

अब चूंकि शुक्ला जी बिहार में सत्ताधारी पार्टी के नेता हैं लिहाज़ा यो सोचना या मानना वक्त की ही बर्बादी होगी कि किसी कातिल को इस तरह हीरो बना कर और हथकड़ी के नाम पर ज़ेवर पहना कर घुमाने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी?

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नाक बचाने के लिए सरकार ने बस इतना जरूर किया कि पर्चे बांटने देने के लिए एक सब-इंस्पेक्टर और पांच सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया.

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