
इशरत जहां एनकाउंटर मामले में कई सनसनीखेज खुलासे कर चुके पूर्व गृह सचिव जीके पिल्लई ने एक और बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने दावा किया कि 2009 में तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम ने इस केस में केंद्र सरकार का हलफनामा बदलवाया था, ताकि इशरत के लश्कर-ए-तैयबा से कनेक्शन की बात सामने ही न आए.
चिदंबरम ने मंगवाई थी फाइल: पिल्लई
पिल्लई यूपीए सरकार के दौरान गृह सचिव थे. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक पिल्लई ने बताया, 'तत्कालीन गृह मंत्री चिदंबरम ने ज्वॉइंट सेक्रेटरी से इशरत जहां केस
की फाइल मंगवाई थी और कहा था कि हलफनामे में बदलाव की जरूरत है.' पिल्लई ने दावा कि हलफनामे में बदलाव के बाद ही केस की फाइल उनके पास आई थी.
पहले इशरत को बताया था लश्कर का सदस्य
बतौर पिल्लई, पहले इस केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जो हलफनामा दायर किया था, उसमें इशरत और उसके तीन साथियों (जावेद शेख उफ प्रणेश पिल्लई, जीशना
जौहर और अमजद अली राणा) को लश्कर के स्लीपर सेल का सदस्य बताया था. इस हलफनामे को कोर्ट में गृह मंत्रालय ने दायर किया था. पिल्लई के दावे पर चिदंबरम
की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.
HC में हलफनामा बदलने का भी दावा
पिल्लई ने हाल में यह भी दावा किया था कि इशरत जहां और उसके साथियों के तार लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े होने के बाबत 2009 में गुजरात हाई कोर्ट में दाखिल किया
गया हलफनामा ‘राजनीतिक स्तर’ पर बदलवाया गया था. गौरतलब है कि इशरत और उसके साथी 2004 में हुई एक कथित फर्जी मुठभेड़ में मारे गए थे.
कहा- राजनीति स्तर पर बदला गया हलफनामा
टाइम्स नाउ से बातचीत के दौरान पूर्व गृह सचिव से जब पूछा गया कि क्या हलफनामा राजनीतिक स्तर पर बदलवाया गया, इस पर उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं जानता
क्योंकि यह मेरे स्तर पर नहीं किया गया. मैं कहूंगा कि यह राजनीतिक स्तर पर किया गया.’ तत्कालीन यूपीए सरकार ने 2009 में दो महीने के भीतर दो हलफनामे
दाखिल किए थे. एक में कहा गया था कि कथित फर्जी मुठभेड़ में मारे गए चार लोग आतंकवादी थे जबकि दूसरे में कहा गया था कि किसी निष्कर्ष पर पहुंचने लायक
सबूत नहीं हैं.