
देश के अंदर लोकतंत्र के मामले में भारत के ग्राफ में गिरावट आई है. डेमोक्रेसी इंडेक्स की वैश्विक सूची में भारत 10 अंक लुढ़ककर 51वें स्थान पर पहुंच गया है. भारत के स्थान में इस गिरावट की वजह नागरिक स्वतंत्रता में कमी बताया गया है. इस रिपोर्ट के बाद से ही विपक्षी नेता मोदी सरकार पर हमलावर है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रिय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने भी इस मसले पर मोदी सरकार को घेरा है. चिदंबरम ने कहा, 'पिछले दो सालों पर अगर गौर किया जाए तो नजर आता है कि लोकतंत्र नष्ट किया गया है और लोकतांत्रिक संस्थानों को कमजोर किया गया है. ये काम उन लोगों ने किया है जो सत्ता में हैं और असली टुकड़े-टुकड़े गैंग है.'
इस तरह चिदंबरम ने हाल के वक्त में सामने आईं तमाम घटनाओं के सहारे केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को निशाने पर लिया. आईएनएक्स मीडिया केस में लंबे वक्त तिहाड़ जेल में रहने वाले चिदंबरम ने संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप भी मोदी सरकार पर लगाया. साथ ही उन्होंने डेमोक्रेसी इंडेक्स का हवाला देते हुए कहा कि जिस दिशा में भारत जा रहा है पूरी दुनिया उससे चिंतित है, हर देशभक्त भारतवासी को भी चिंतित इसकी चिंता करनी चाहिए.
सिंघवी ने बताई चार कसौटी
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने 2014 के बाद लोकतंत्र में गिरावट का सवाल किया और डेमोक्रेसी इंडेक्स में गिरावट की चार वजह भी बताईं. सिंघवी ने बताया कि 4 कसौटी हैं जिनमें 2014 से परिवर्तन हुआ है.
1) भय है? राजनीतिक दुरुपयोग सरकारी तंत्र का दुरुपयोग.
2) असहिष्णुता अपने एक रंग में हर आदमी को रंग देना, छात्रों पर हमले हैं?
3) द्वेष और प्रतिशोध की भावना.
4) सामाजिक, सांस्कृतिक एकरूपता सब कुछ एक जैसा होना चाहिए.