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पद्मावती: 30 को संसदीय कमेटी के सामने पेशी, हरियाणा कैबिनेट में बैन की मांग

दूसरी ओर फिल्म पर बढ़ते विवाद के मद्देनजर संसदीय कमिटी ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है. संसदीय कमिटी के अध्यक्ष भगत सिंह कोशियारी ने इस मामले पर नोटिस जारी किया है.

संजय लीला भंसाली संजय लीला भंसाली
हंसा कोरंगा/शरत कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 22 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 5:03 AM IST

फिल्म पद्मावती के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली को संसद की पिटिशन कमेटी ने समन जारी किया है. उन्हें 30 नवंबर को पेश होने का आदेश दिया गया है. दरअसल, चित्तौड़गढ़ के सांसद सीपी जोशी ने 20 नवंबर को पिटिशन कमेटी में अपील की थी कि फिल्म पद्मावती में इतिहास को गलत तरीके से पेश किया गया है, जिसके बाद दायर याचिका पर संज्ञान लेते हुए पिटिशन कमेटी ने भंसाली को नोटिस जारी किया है.

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तो हरियाणा में भी बैन हो जाएगी फिल्म

इस बीच हरियाणा कैबिनेट में पद्मावती पर बैन लगाने मांग हुई है. जानकारी के मुताबिक़ सीएम मनोहर लाल खट्टर की मौजूदगी में कैबिनेट की एक बैठक हुई. इसमें फिल्म पर इतिहास से छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया. कैबिनेट में दो मंत्रियों ने इस तरह का प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा, अगर फिल्म के विवादित कंटेंट नहीं हटाए जा रहे हैं तो राज्य में इसके प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए. अगर ऐसा हुआ तो यूपी, राजस्थान, एमपी के बाद हरियाणा बीजेपी शासित चौथा राज्य होगा जहां पद्मावती के कंटेंट को लेकर इस उस पर बैन लगाया जा रहा है. बताते चलें कि पंजाब की कांग्रेस सरकार ने भी विवादित कंटेंट हटाए बिना प्रदर्शन रोकने की बात कही है.  

दूसरी ओर फिल्म पर बढ़ते विवाद के मद्देनजर संसदीय कमिटी ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है. संसदीय कमिटी के अध्यक्ष भगत सिंह कोशियारी ने इस मामले पर नोटिस जारी किया है.

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दरअसल पद्मावती फिल्म के खिलाफ राजपूत समाज, नेताओं, क्षत्रिय संगठनों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन के बाद फिल्म की रिलीज डेट पहले ही टल चुकी है. सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने कहा कि फिल्म की वर्तमान स्थिति को देखते हुए सर्टिफिकेट देने में 68 दिन लग सकते हैं.

आपत्तिजनक सीन हटवाने पर अड़े 4 राज्य

भंसाली की फिल्म पद्मावती के विरोध में एमपी, राजस्थान, पंजाब और यूपी ने कड़ा रुख अख्तियार किया है. इन राज्यों ने कहा कि जब तक फिल्म से आपत्तिजनक सीन्स को हटाया नहीं जाएगा. तब तक राज्य में फिल्म रिलीज नहीं हो पाएगी.

बतौर फिल्ममेकर हमारे अधिकारों का हनन ना हो- सुधीर मिश्रा

गोवा में IFFI कार्यक्रम के दौरान सुधीर मिश्रा ने कहा, जिस तरह से प्रदर्शनकारियों को विरोध करने का अधिकार है, उसी तरह डायरेक्टर को भी अपनी सोच व्यक्त करने का अधिकार है. हम फिल्म बनाने के अपने अधिकार के लिए एकसाथ खड़े हैं. आप फिल्म का विरोध कर सकते हैं लेकिन बतौर फिल्ममेकर हमारे अधिकार का हनन नहीं कर सकते.

भंसाली को भावनाओं से खेलने की आदतः योगी

बता दें कि पद्मावती पर सियासी घमासान लगातार बढ़ता जा रहा है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भंसाली के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने की आदत हो गई है.

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योगी ने कहा कि जितनी गलती प्रदर्शनकारियों की है, उतनी ही गलती संजय लीला भंसाली की है. प्रदर्शनकारियों के साथ फिल्म निर्माताओं के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए.

PM के इवेंट से दीपिका ने किया किनारा

इस बीच पद्मावती पर चल रहे विरोध के बीच एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण ने खुद को Global Entrepreneurship Summit (GES) से अलग कर लिया है. 28 नवंबर से शुरू होने वाले इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूएस प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका भी शामिल होने वाली हैं.

इस बारे में तेलंगाना सरकार के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि दीपिका ने इवेंट में आने से मना कर दिया है. दीपिका 29 नवंबर को यहां एक सेशन Hollywood to Nollywood to Bollywood: The Path to Moviemakin में बोलने वाली थीं.

एक-एक स्क्रीन जलाने की ताकत रखते हैं हम: पद्मावती पर बीजेपी नेता

सलामत रहे दीपिका का सिर

पद्मावती को लेकर दीपिका को मिल रही धमकियों पर कमल हासन ने विरोधियों पर चुटकी ली है. कमल ने कहा, 'मैं चाहता हूं कि दीपिका का सिर सलामत रहे.'

अनारकली पर मुस्लिमों ने नहीं किया विरोध: आजम

एसपी नेता आजम खान ने कहा कि फिल्म 'मुगल-ए-आजम' में अनारकली को सलीम की महबूबा दिखाया गया था, लेकिन मुसलमानों ने इसका विरोध नहीं किया था. पद्मावती फिल्म का विरोध करने वालों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अंग्रेजी हुकूमत में उनके बस्ते उठाने वाले और सलामी बजाने वाले सम्मान की बात कर रहे हैं.

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'मुगल-ए-आजम' में अनारकली पर मुसलमानों ने नहीं किया विरोध: आजम खान

क्या पद्मावती राष्ट्रमाता ?

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक समारोह में ऐलान किया कि भंसाली की फिल्म पद्मावती मध्यप्रदेश की धरती पर रिलीज नहीं होगी. पद्मावती को राष्ट्रमाता करार देते हुए उन्होंने कहा, 'महारानी पद्मावती से जुड़े ऐतिहासि‍क तथ्यों से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी. मैं स्पष्ट कहना चाहता हूं कि मध्य प्रदेश की धरती पर पद्मावती फिल्म रिलीज नहीं होगी.' यही नहीं शिवराज ने भोपाल में देश की वीरों की याद में बनने वाले वीर भारत स्मारक स्थल में महारानी पद्मावती का स्मारक बनाने की भी घोषणा की.

68 दिन से पहले नहीं होगी रिलीज

इस बीच IFFI में प्रसून ने कहा है कि फिल्म की वर्तमान स्थिति को देखते हुए सर्टिफिकेट देने में 68 दिन लग सकते हैं. उनका यह बयान आजतक की उन रिपोर्ट्स को कंफर्म करता दिखा जिसमें कहा गया था कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म के मेकर्स द्वारा सर्टिफिकेट देने की प्रक्रिया को जल्दी करने की अर्जी ठुकरा दी है. पहले इस फिल्म को 1 दिसंबर के दिन रिलीज किया जाना था.

प्रसून ने फिल्म को सेंसर बोर्ड में सबमिट करने से पहले कुछ मीडियापर्सन्स को दिखाने पर अपनी निराशा भी जाहिर की. उन्होंने कहा, अगर लोग चाहते हैं कि सेंसर बोर्ड फिल्म पर कोई फैसला ले तो उन्हें बोर्ड को समय, स्वतंत्रता और मानसिक स्पेस देना होगा.

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