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SC के फैसले के बावजूद गर्म है करणी सेना का तेवर, बोली- हर हाल में रुकेगी पद्मावत

पद्मावत पर चार राज्यों के बैन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद करणी सेना के तेवर ठंडे नहीं पड़े हैं. अब इस मसले को कानूनी रूप से भी निबटने की तैयारी कर रही है.

पद्ममावत पद्ममावत
ऋचा मिश्रा/शरत कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 18 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 3:30 PM IST

पद्मावत पर चार राज्यों के बैन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद करणी सेना के तेवर ठंडे नहीं पड़े हैं. अब इस मसले को कानूनी रूप से भी निपटने की तैयारी कर रही है. राजपूत करणी सेना के प्रमुख लोकेंद्र सिंह कलवी ने कहा, देश भर में कहीं भी फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे.

उधर, राष्ट्रीय करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने कहा,  सुप्रीम कोर्ट के फैसले को डबल बेंच में चुनौती दी जाएगी. इसके लिए करणी सेना के वकील सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे. हमारे प्रतिनिधि राष्ट्रपति से भी मिलकर फिल्म पर बैन लगाने की मांग करेंगे.

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#कोर्ट का काम आदेश देना है, हम हमारा काम करेंगे

सुखदेव सिंह गोगामेडी ने कहा, कोर्ट का काम देश में कानून व्यवस्था संभालने के लिए राज्य सरकार को आदेश देने का है इसमें कोर्ट ने कोई गलत नहीं किया है. लेकिन हमारा वास्ता समाज से है और हम अपने पुरखों की इज्जत के लिए लड़ रहे हैं. इसलिए किसी भी कीमत पर पद्मावत फिल्म को देश में रिलीज नहीं होने देंगे. इसके लिए चाहे जो भी कीमत चुकानी पड़े.

#सुप्रीम कोर्ट ने बैन किया खारिज

बता दें कि गुरुवार को चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया की बेंच ने पद्मावत पर चार राज्यों के बैन को असंवैधानिक करार देते हुए कहा, क़ानून व्यवस्था बनाना राज्यों की जिम्मेदारी है. यह राज्यों का संवैधानिक दायित्व है. फिल्म पर बैन लगाना, संविधान की आर्टिकल 21 के तहत लोगों को जीवन जीने और स्वतंत्रता के अधिकार का हनन है. बेंच ने राज्यों के नोटिफिकेशन को गलत बताया.

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा, इस नोटिफिकेशन से आर्टिकल 21 के तहत मिलने वाले अधिकारों का हनन होता है. राज्यों की यह भी जिम्मेदारी है कि फिल्म देखने जाने वाले लोगों को सुरक्षित माहौल मिले. इससे पहले अटार्नी जनरल ने राज्यों का पक्ष रखने के लिए सोमवार का वक्त मांगा. लेकिन कोर्ट ने पहले ही फैसला दे दिया.

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#पद्मावत पर साल्वे ने पेश की दलील

इससे पहले निर्माताओं का पक्ष रखते हुए साल्वे ने कहा, राज्यों का पाबंदी लगाना सिनेमैटोग्राफी एक्ट के तहत संघीय ढांचे को तबाह करना है. राज्यों को इस तरह का कोई हक नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि लॉ एंड आर्डर की आड़ में राजनीतिक नफा नुकसान का खेल हो रहा है. बता दें कि वायकॉम 18 ने याचिका दायर कर चार राज्यों के बैन का विरोध किया था. उम्मीद है कि प्रतिबंध लगाने वाले चार राज्य सोमवार को अपना पक्ष रखें.

#24 जनवरी को रिलीज होगी फिल्म

पद्मावत के निर्माता देशभर के सिनेमाघरों में 24 जनवरी को इसका पेड प्रीव्यू रखेंगे. ‘पद्मावत’ के डिस्ट्रीब्यूटर्स 24 जनवरी की रात 9.30 बजे स्क्रीन होने वाले शोज का भुगतान करके उसकी जगह ‘पद्मावत’ को स्क्रीन करेंगे. फिल्म एक्सपर्ट की राय में ऐसा करने से ‘पद्मावत’ के मेकर्स को फिल्म को लेकर चल रही अफवाह को गलत साबित करने का मौका मिलेगा. साथ ही, फिल्म देखने के बाद लोगों की पॉजिटिव रिस्पोंस फिल्म के लिए फायदेमंद होगा.

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देश के चार राज्यों ने लगाया था बैन फिल्म

मंगलवार को हरियाणा सरकार ने फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने का फैसला लिया था. रणवीर, दीपिका, शाहिद कपूर स्टारर इस फिल्म के प्रदर्शन पर हरियाणा से पहले राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश की सरकारों ने भी बैन लगा दिया था.

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