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प्रसून जोशी ने कहा- अभी पद्मावती नहीं देखी, एक्‍सपर्ट की राय लेंगे

विवादों में घिरी फिल्म पद्मावती के लिए आज बेहद अहम दिन रहा. डायरेक्टर संजय लीला भंसाली और सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी संसद की इन्फॉर्मेशन और टेक्नॉलजी कमेटी के सामने पेश हुए.

दीपिका पादुकोण दीपिका पादुकोण
हंसा कोरंगा
  • नई दिल्ली,
  • 30 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 6:31 PM IST

संसदीय कमेटी के सामने पेशी के बाद पद्मावती के निर्देशक संजय लीला भंसाली ने सफाई दी है. भंसाली ने कहा, 'मेरी फिल्‍म पद्मावती की कहानी इतिहास पर आधारित नहीं है. यह मलिक मोहम्‍मद जायसी की कविता पर आधारित है.' मीटिोंग घंटे से ज्यादा देर तक चली. भंसाली का यह बयान नए विवाद को जन्म दे सकता है.

 बात दें कि मलिक मोहम्‍मद जायसी ने अवधी में 'पद्मावत' नाम से एक महाकाव्‍य रचा था.  यह रानी पद्मिनी की कहानी है. जिसके मुताबिक रानी के रूप में मोहित सुल्‍तान अलाउद्दीन खिलजी उन्‍हें किसी भी हाल में पाना चाहता था, इसके लिए उसने चित्‍तौड़ पर हमला किया, लेकिन हजारों राजपूत महिलाओं के साथ रानी पद्मिनी ने आग में कूदकर जौहर कर लिया था.

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संजय लीला भंसाली और सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी संसद की इन्फॉर्मेशन और टेक्नॉलजी कमेटी के सामने पेश हुए. 14 सदस्यीय इस कमेटी के 8 सदस्यों के सामने प्रसून जोशी पेश हुए. बीजेपी से दो सदस्यों ने फिल्म पर बैन की मांग की तो शिवसेना के सदस्य ने इसका समर्थन किया. बाकी के सदस्यों ने कहा कि जब सेंसर बोर्ड ने फिल्म को मंजूरी ही नहीं दी है तो बैन का सवाल कहां से उठता है.

  संसदीय कमेटी के सामने प्रसून जोशी ने कहा कि उन्होंने अभी तक फिल्म नहीं देखी है. फिल्म को पहले रीजनल कमेटी देखेगी और फिर सेंट्रल कमेटी. सेंसर बोर्ड पहले एक्सपर्ट्स की राय लेगा फिर किसी नतीजे पर पहुंचेगा. मीटिंग में सेंसर बोर्ड चीफ से पूछा गया कि क्या फिल्म के प्रोमो को अप्रूव कराया गया था. जिस पर उन्होंने कहा, हां प्रोमो अप्रूव थे. कुछ मेंबर्स ने यह भी कहा कि कमर्शियल फायदे के लिए विवादों को तूल दिया जा रहा है.

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संसद की पिटीशन कमेटी के सामने सुनवाई

स्टैंडिंग पिटीशन कमेटी ने फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली, CBFC और सूचना प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों को समन किया था. ताकि ये पता किया जा सके कि इस मामले में अब तक क्या कार्रवाई हुई है.

चित्तौड़गढ से भाजपा सांसद सीपी जोशी ने कहा, हमने इस पीटिशन कमिटी में पद्मावती फिल्म पर प्रतिबंध की मांग की है, क्योंकि इस फिल्म में इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई है. सेंसर बोर्ड ने फिल्म के प्रोमों को पास किया, लेकिन उस प्रोमों में घूमर डांस दिखाया है जिस पर आपत्ति है. हमने ये बात भी कमिटी के सामने रखी.

सावधानी बरतते हुए बीजेपी CMs ने लगाया पद्मावती पर बैन: जेटली

निर्देशक भंसाली की तरफ से लिखित में कमिटी को बताया गया कि फिल्म इतिहास के तथ्यों पर आधारित है। लेकिन जायस की पद्मावत तो घटना के कई सौ साल बाद लिखा गया, वो सत्य कैसे हो सकता है? इस सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा, क्या पद्मावती, राजा रत्नसेन और पद्मावती का महल आज भी है वो काल्पनिक है?

कोटा से भाजपा सांसद ओम बिड़ला ने कहा, हमने पीटिशन कमिटी के सामने अपनी बात रख दी है.  निर्देशक ने लिखित में कमिटी को बताया था कि इतिहास के तथ्यों के आधार पर फिल्म बनाई गई है. सेंसरबोर्ड इतिहास के साथ छेड़छाड़ को देखे.  प्रोमों को सर्टिफिकेट दिया या नहीं? ये सेंसर बोर्ड बताएगा लेकिन जो प्रोमों और ट्रेलर दिखाए जा रहे हैं, जब वहीं आपत्तिजनक है तो फिल्म में कितना आपत्तिजनक होगा.

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पद्मावती पर DU में होंगे लेक्चर

जिस तरह से फिल्म पद्मावती पर इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप लग रहे हैं. इसे देखते हुए दिल्ली यूनिवर्सिटी के दौलत राम कॉलेज में इस हफ्ते लेक्टर रखे गए हैं. इसका मकसद स्टूडेंट को रानी पद्मिनी से जुड़े फैक्चुअल तथ्यों से अवगत कराना है. यह चर्चा रानी पद्मिनी के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रासंगिकता पर आधारित होगी. लेक्चर को RSS से जुड़े संगठन अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना (ABISY) के UGC मेंबर इंद्र मोहन, IGNOU प्रोफेसर कपिल कुमार, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक शिक्षक फ्रंट के महासचिव विरेंद्र सिंह द्वारा दिया जाएगा. हालांकि कॉलेज ने इस लेक्टर से खुद को अलग कर लिया है.

जब बंद हो गई फिल्म और टीवी सीरियल्स की शूटिंग

इस लेक्चर्स पर पैनल मेंबर वीरेंद्र सिंह ने कहा, रानी पद्मिनी को मिथक के रूप में खारिज किया जा रहा है. यह कहा जा रहा है कि रानी पद्मिनी के अस्तित्व को सिद्ध करने के लिए कोई ऐतिहासिक सबूत नहीं हैं. वे एक ऐतिहासिक फिगर हैं और यह ऐतिहासिक विशेषज्ञों और वरिष्ठ प्रोफेसरों द्वारा पढ़ाया जाएगा.

पद्मावती की रिलीज पर सस्पेंस

भंसाली की फिल्म ने राजनीतिक रंग पहले ही ले लिया था. गुजरात, राजस्थान, यूपी, एमपी और बिहार में फिल्म को बैन करने का ऐलान किया जा चुका है. 1 दिसंबर को रिलीज होने वाली इस फिल्म की रिलीज डेट पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि150 करोड़ के बड़े बजट की फिल्म पद्मावती रिलीज भी होगी या विरोध की आग में जल जाएगी.

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भंसाली की पद्मावती को ब्रिटेन ने पास किया, पर रिलीज नहीं करना चाहते हैं निर्माता

संसद से सड़क तक प्रदर्शन

पद्मावती को लेकर संसद से लेकर सड़कों पर संग्राम जारी है. देशभर में फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. फिल्म की स्टारकास्ट के पुतले जलाए जा रहे हैं, पोस्टर फाड़े जा रहे हैं. एक्टर्स और डायरेक्टर्स को जान से मारने की धमकी मिल रही है. दीपिका पादुकोण की नाक और भंसाली का सिर काटने की धमकी से माहौल गरमा गया है. तनाव के बीच फिल्म का प्रमोशन भी बंद कर दिया गया है.

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