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केवल विरोध ही नहीं, इन वजहों से भी टल सकती है पद्मावती की रिलीज?

संजय लीला भंसाली की पद्मावती सेंसर बोर्ड में अटक गई है. खबरों के मुताबिक फिल्म अब 1 दिसंबर को नहीं बल्कि अगले साल 12 जनवरी को रिलीज होगी. हालांकि फिल्म के मेकर्स में से एक Viacom18 के सीओओ अजीत अंधारे ने ऐसी खबरों को आधारहीन कहा है.

पद्मावती में दीपिका पादुकोण पद्मावती में दीपिका पादुकोण
स्वाति पांडे
  • नई दिल्ली,
  • 17 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 7:49 PM IST

संजय लीला भंसाली की पद्मावती सेंसर बोर्ड में अटक गई है. खबरों के मुताबिक फिल्म अब 1 दिसंबर को नहीं बल्कि अगले साल 12 जनवरी को रिलीज होगी. हालांकि फिल्म के मेकर्स में से एक Viacom18 के सीओओ अजीत अंधारे ने ऐसी खबरों को आधारहीन कहा है.

वैसे पिछले कुछ दिनों से फिल्म को लेकर कड़ा राजनीतिक विरोध देखने को मिल रहा है. कयास लगाए जा रहे हैं कि गुजरात में विधानसभा चुनाव और यूपी में निकाय चुनाव को देखते हुए इसकी रिलीज डेट आगे खिसकाई जा सकती है. बता दें कि अभी फिल्म को सर्टिफिकेशन भी नहीं मिला है.

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सर्टिफिकेशन को लेकर क्या हैं सेंसर बोर्ड के नियम

दरअसल फिल्म को रिलीज करने के 15 दिन पहले सेंसर बोर्ड में कॉपी भेजना होता है, लेकिन आज यानी 17 नवंबर को फिल्म की कॉपी सेंसर बोर्ड में भेजी गई है. प्रस्तावित तारीख 1 दिसंबर पर रिलीज के लिए बोर्ड के पास फिल्म भेजने की तारीख ख़त्म हो चुकी है. सेंसर ने नियम का पालन किया तो 1 दिसंबर को फिल्म की रिलीज पर संकट है.

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क्या टलने की वजह राजनीतिक:

फिल्म पर करणी सेना और कांग्रेस-बीजेपी जैसे राजनीतिक दलों ने आपत्ति जाहिर की है. गुजरात में विधानसभा चुनाव और यूपी में निकाय चुनाव के मद्देनजर बीजेपी ने इसे टालने की मांग की थी. बीजेपी ने निर्वाचन आयोग को चिट्ठी लिखकर इसकी डेट टालने की मांग की थी. सेंसर का मामला बताते हुए आयोग ने इसे अस्वीकार कर दिया था.

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इंडिया टुडे को क्या जानकारी मिली

इससे पहले इंडिया टुडे को सूत्रों ने बताया था कि 'पद्मावती मेकर्स की ओर से सेंसर को जो ओरिजिनल डॉक्युमेंट भेजे गए हैं वो अधूरे हैं. फिल्म की शुरुआत में भी अपेक्षित डिस्क्लेमर नहीं है.' सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि डॉक्यूमेंटेशन में कमी की वजह से फिल्म के प्रमाणन में देरी हो रही है.

उच्च पदस्थ सरकारी सूत्रों ने इंडिया टुडे से यह साफ़ किया कि पद्मावती को लेकर सीबीएफसी के कामकाज में सरकार की ओर से किसी तरह का दखल नहीं है. फिल्म के बार में कोई फैसला लेने के लिए सेंसर बोर्ड स्वतंत्र है. सेंसर की कार्यप्रणाली में सरकारी हस्तक्षेप नहीं है.

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सेंसर चीफ ने नहीं देखी है फिल्म

सेंसर बोर्ड चीफ प्रसून जोशी ने इंडिया टुडे को बताया कि उन्होंने अभी तक पद्मावती नहीं देखी है. इस तरह की खबरें झूठ हैं, जिनमें एक प्राइवेट स्क्रीनिंग में फिल्म देखने की बात कही जा रही है. सूचना और प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी के नजदीकी सूत्रों ने भी कहा, केंद्रीय मंत्री ने भी ऐसे किसी स्क्रीनिंग इवेंट में फिल्म नहीं देखी है. ऐसी चर्चाएं निराधार हैं.

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रिलीज से पहले करणी सेना को दिखाना चाहते हैं फिल्म

सेंसर बोर्ड सूत्रों ने यह भी बताया कि मेकर्स ने करणी सेना को रिलीज से पहले फिल्म दिखाने के लिए सेंसर बोर्ड से अनुमति मांगी है. इसके लिए सेंसर बोर्ड को पद्मावती के निर्माताओं की ओर से स्पेशल स्क्रीनिंग के किए चिट्ठी लिखी गई है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक़ पद्मावती में अभिनय करने वाले सितारों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जा रही है. पूरे देश में हो रहे विरोध प्रदर्शन से उत्पन्न कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सरकार की नजर है.

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