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पाक सेना, ISI ने लश्कर के साथ मिलकर किया था मुंबई हमला: अमेरिकी सांसद

अमेरिका के एक प्रभावशाली सांसद ने ओबामा प्रशासन से पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता सशर्त करने के लिए कहा है जो आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के इस्लामाबाद के प्रयासों के आधार पर होगी.

नवाज शरीफ नवाज शरीफ
सूरज पांडेय/BHASHA
  • वाशिंगटन,
  • 21 नवंबर 2015,
  • अपडेटेड 9:50 PM IST

अमेरिका के एक प्रभावशाली सांसद ने ओबामा प्रशासन से पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता सशर्त करने के लिए कहा है जो आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के इस्लामाबाद के प्रयासों के आधार पर होगी.

उपराष्ट्रपति, विदेश मंत्री को लिखी चिट्ठी
अमेरिकी कांग्रेस के सांसद और आतंकवाद पर सदन की विदेश मामलों की उपसमिति के पूर्व अध्यक्ष ब्रैड शर्मन ने अमेरिका के उपराष्ट्रपति जो बाइडेन, विदेश मंत्री जॉन केरी और रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर को लिखे एक संयुक्त पत्र में ये बातें कही हैं. इन सभी ने इसी सप्ताह अमेरिका के दौरे पर आए पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल राहिल शरीफ से मुलाकात की थी.

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सशर्त करें पाक की आर्थिक मदद
शर्मन के पत्र में कहा गया है, ‘मैं आपसे यह संकेत देने का अनुरोध करता हूं कि पाकिस्तान को लगातार दी जाने वाली सैन्य सहायता आतंकवादी संगठनों को खत्म करने के पाकिस्तान के अच्छे विश्वस्त प्रयासों पर निर्भर करती है.’ पत्र में 17 नवंबर की तारीख दर्ज है. शर्मन ने लॉस एंजिलिस में ‘प्रवासी भारतीय दिवस’ के उद्घाटन पर कहा, ‘मुंबई हमला लश्कर ए तैयबा, पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी के सहयोग से हुआ. इसकी साजिश में कई साल लगे.’

पाक सेना, खुफिया एजेंसी और लश्कर ने मिलकर किया था मुंबई हमला
अपने संक्षिप्त पत्र में शर्मन ने पूर्व सीआईए विश्लेषक ब्रूस रीडेल द्वारा लिखे एक लेख को भी नत्थी किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि मुंबई में पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसियों की मदद से लश्कर ए तैयबा द्वारा किए गए हमले के बाद पेरिस हमले का खाका तैयार किया गया. रीडेल इन दिनों ब्रुकिंग इंस्टीट्यूट में ‘द इंटेलिजेंस प्रोजेक्ट’ के निदेशक हैं. उन्होंने लिखा है ‘अपने हमलों के लिए लश्कर ए तैयबा और पाकिस्तानी सरपरस्तों को कोई दंड नहीं भुगतना पड़ा. इस समूह के आका पाकिस्तान में खुलेआम सक्रिय हैं और उन्हें पाकिस्तानी सेना का समर्थन तथा सुरक्षा प्राप्त है.लश्कर ए तैयबा आज कहीं अधिक खतरनाक है. दुनिया को इस्लामिक स्टेट और इनके आकाओं से और बेहतर तरीके से निपटने की जरूरत है.’

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मुंबई हमले से प्रेरित थे पेरिस के हमलावर
उन्होंने आगे कहा कि मुंबई हमलों का आतंकवादियों और प्रति आतंकवादियों दोनों ने ही अध्ययन किया क्योंकि इस हमले ने यह स्पष्ट कर दिया कि आत्मघाती उन्मादियों का एक छोटा समूह किस तरह एक बड़े शहर में जनजीवन बाधित कर सकता है, वैश्विक स्तर पर ध्यान आकृष्ट कर सकता है और एक महाद्वीप को आतंकित कर सकता है. रीडेल ने कहा कि पेरिस और मुंबई हमले दोनों में ही छोटे, आधुनिक हथियार से लैस आतंकवादियों का इस्तेमाल हुआ जिन्होंने किसी शहरी इलाके में आसान निशानों पर हमला किया. उन्होंने यह भी कहा कि पेरिस हमलावरों ने कत्लेआम को भीषण बनाने के लिए आत्मघाती जैकेट का इस्तेमाल किया. मुंबई में भी यह सबकुछ हुआ लेकिन वहां पर हमलावर साजिश के मास्टरमाइंड के आदेश पर मरने तक कहर ढाते रहे. इससे पहले बृहस्पतिवार को पेंटागन ने पाकिस्तान से हक्कानी नेटवर्क सहित सभी आतंकवादियों से निपटने का अनुरोध किया था.

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