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पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गृहमंत्री शुजा खानजादा ने मंगलवार को आरोप लगाया कि भारत मई में जिम्बाब्वे का पाकिस्तान दौरा नहीं होने देना चाहता था और इसके लिए उसने ‘रॉ’ को लगा रखा था. यह दौरा मई में हुआ था और इससे 6 सालों बाद पाकिस्तान की सरजमीं पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी हुई थी.
खानजादा ने आरोप लगाया कि जिम्बाब्वे की टीम जब दुबई पहुंची तो ‘रॉ’ के अधिकारियों ने उसके टीम मैनेजर को संदेश भेजकर धमकी दी कि यदि उनके खिलाड़ी लाहौर पहुंचे तो उनमें से कोई भी जिंदा वापस नहीं जाएगा. गृहमंत्री ने दावा किया, ‘हमें इसके बारे में तब पता चला जब टीम मैनेजर ने यह संदेश हमारे लिये फारवर्ड किया और हमने इसे अपनी सुरक्षा एजेंसियों को भेजा. उन्होंने जब जांच की तो पाया कि यह संदेश ‘रॉ’ अधिकारी ने भेजा था.’
उन्होंने दावा किया, ‘हमने पाकिस्तान-जिम्बाब्वे क्रिकेट सीरीज रद्द करवाने के ‘रॉ’ के प्रयास नाकाम कर दिए थे.’ मार्च 2009 में लाहौर में श्रीलंकाई टीम पर आतंकी हमले के बाद किसी भी टेस्ट टीम ने पाकिस्तान का दौरा नहीं किया था. उस हमले में पाकिस्तान के छह पुलिसकर्मी और एक गाड़ी चालक मारा गया था. इसके अलावा श्रीलंका के भी कुछ खिलाड़ी घायल हुए थे. पीसीबी ने वित्तीय लाभ देने, जिनमें प्रत्येक खिलाड़ी को 12,000 डॉलर देना भी शामिल है, के बाद ही जिम्बाब्वे मई में दौरे के लिए तैयार हुआ था लेकिन बोर्ड अध्यक्ष शहरयार खान ने मीडिया की इन रिपोर्ट्स को बकवास करार दिया था कि दौरे लिए जिंबाब्वे क्रिकेट बोर्ड को रिश्वत दी गई थी.