
पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव के मामले पर द्विपक्षीय समझौते के उल्लंघन की बात से इंकार किया है. पाकिस्तान ने कहा कि जाधव को एक सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनायी है. समझौते के मुताबिक मुद्दों के गुण-दोष के आधार पर फैसला लेने का अधिकार है. दरअसल भारत ने इस मसले पर पाकिस्तान पर समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया था.
पाक उच्चायुक्त ने किया इंकार
पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने समझौते के उल्लंघन की बात से साफ इंकार किया. एक इंटरव्यू में उ उन्होंने कहा, ''द्विपक्षीय समझौते के मुताबिक राजनीति और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर गुण-दोष के आधार पर फैसला किया जाएगा.''
जबकि भारत ने सीधे तौर पर पाकिस्तान के इस एक्शन को समझौते का उल्लंघन करार दिया है. भारत का पक्ष है कि भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी कुलभूषण जाधव को राजनयिक सम्पर्क की अनुमति नहीं देकर पाकिस्तान ने द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन किया है. भारत ने 46 वर्षीय जाधव को राजनयिक सम्पर्क के लिए 15 बार पाकिस्तान से अनुरोध किया. भारत ने जाधव के जासूस होने के आरोपों को लगातार नकारा है. भारत का साफ मानना है कि पाकिस्तान के अधिकारियों ने ईरान से जाधव का अपहरण किया.
पाकिस्तान ने भारत के इस रुख को भी खारिज कर दिया. अब्दुल बासित ने कहा कि जाधव को बलूचिस्तान से पकड़ा गया है. बासित ने कहा, ''जासूसी तथा विध्वंसक गतिविधियों'' के लिए जाधव पर मुकदमा चलाया गया. बासित ने कहा कि उन पर सैन्य अदालत में मुकदमा चलाया गया क्योंकि सिविल अदालत में मुकदमा चलाना संभव नहीं था.
बता दें कि कुलभूषण जाधव पर पाकिस्तान में भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के लिए काम करने का आरोप लगा था. जिसके बाद पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को मौत की सजा सुनाई है. भारत ने पाकिस्तान के इस फैसले का विरोध किया है. साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति से भी इस मामले में दखल की मांग की है. भारत ने कुलभूषण को बचाने के लिए 'आउट ऑफ द वे' जाकर कुछ भी करने की बात कही है.