
सीमा पार से युद्ध विराम उल्लंघन की घटनाओं पर पूछे गए प्रश्न के जवाब में गृह मंत्रालय ने अपने लिखित बयान में जानकारी दी है. गृह मंत्रालय के मुताबिक, सेना के नियंत्रण के अधीन जम्मू एवं कश्मीर राज्य में एलओसी पर 2015 में कुल 152 मामले, 2016 में 228, 2017 में 860 और 2018 के फरवरी तक कुल 432 सीजफायर के मामले दर्ज किए गए.
गृह मंत्रालय के मुताबिक BSF के नियंत्रण के अधीन जम्मू एवं कश्मीर राज्य में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 2015 में 253 मामले, 2016 में 221, 2017 में 111 और 2018 के फरवरी माह तक 201 सीजफायर के मामले दर्ज किए गए हैं.
गृह मंत्रालय ने अपने लिखित बयान में कहा कि युद्ध विराम उल्लंघन और सीमा पार से गोलीबारी के कारण 2015 में 16 नागरिक और छह सैन्यकर्मी सहित चार BSF के जवान शहीद हो गए. 2016 में 13 नागरिक, 8 सैन्यकर्मी और पांच BSF के जवान शहीद हुए. 2017 में 12 नागरिक, 15 सैन्य कर्मी और चार BSF जवान शहीद हुए. जबकि वर्ष 2018 के फरवरी माह तक 12 नागरिक, 6 सैन्य कर्मी और चार BSF जवान शहीद हुए.
जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाकिस्तानी आर्मी मिलकर सीमा के उस पार से लगातार सीजफायर उल्लंघन कर रहे हैं. यह उल्लंघन कश्मीर घाटी में चलाए जा रहे ऑपरेशन ऑल आउट के एवज में पाकिस्तान की तरफ से किया जा रहा है.
दरअसल पिछले साल से लेकर अब तक पाकिस्तान आतंकियों की घुसपैठ LOC पर कराने में नाकाम रहा है. इस वजह से वह इस सीजफायर उल्लंघन की आड़ में आतंकियों की ज्यादा से ज्यादा घुसपैठ कराना चाहता है. खुफिया सूत्र बताते हैं कि लॉन्चिंग पैड पर आतंकियों की मौजूदगी है और फायरिंग की आड़ में इन आतंकवादियों को सीमा पार से भारत के अंदर घुसपैठ कराने की फिराक में पाकिस्तानी आर्मी है. लेकिन भारतीय सुरक्षा एजेंसियां की बॉर्डर पर चौकसी के चलते यह आतंकी घुसपैठ करने में नाकाम हो रहे हैं.