
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने जा रहे इमरान खान के भारत के साथ दोस्ताना संबंधों को बढ़ाने की इच्छा पर भारत की ओर से शनिवार को आधिकारिक तौर पर जवाब दिया गया. भारत ने कहा कि उसकी इच्छा है कि पाकिस्तान समृद्ध और प्रगतिशील बने. साथ ही उम्मीद जताई कि इस्लामाबाद की नयी सरकार सुरक्षित, स्थिर दक्षिण एशिया की दिशा में काम करेगी जो हिंसा और आतंकवाद से मुक्त हो.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि भारत इस बात का स्वागत करता है कि पाकिस्तान के लोगों ने आम चुनावों के माध्यम से लोकतंत्र में विश्वास जताया है. उन्होंने कहा, 'भारत समृद्ध और प्रगतिशील पाकिस्तान चाहता है जो पड़ोसियों के साथ सौहार्द्रपूर्ण तरीके से रहे.'
क्रिकेइटर से नेता बने इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ 25 जुलाई को हुए चुनावों में 270 में से 116 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है. गौरतलब है कि चुनावों में बढ़त हासिल करने के बाद इमरान खान ने कहा था कि वह भारत के साथ संबंधों को सुधारने के लिए इच्छुक हैं और कश्मीर के 'मुख्य मुद्दे' सहित सभी विवादों को वार्ता के माध्यम से सुलझाना चाहेंगे.
यह जनादेश की चोरी, लोकतंत्र को बंधक बनाने की इजाजत नहीं
पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता PML-N अध्यक्ष शहबाज शरीफ और MML के अध्यक्ष मौलाना फजलुर रहमान ने की. बैठक को संबोधित करते हुए रहमान ने कहा कि हम इस चुनाव को जनादेश नहीं मानते हैं. यह लोगों के जनादेश की चोरी है. हम चोरों (PTI के चुने हुए सांसदों) को संसद में घुसने नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में किसी को लोकतंत्र को बंधक बनाने की इजाजत नहीं दी जाएगी.