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टिड्डियों को रोकने में पाकिस्तान फेल, भुगत रहे भारत के किसान

पाकिस्तान की सीमा से भारतीय सीमा में दाखिल हो रही टिड्डियों के आतंक से राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों के किसान परेशान हैं. टिड्डियों के हमले की वजह से किसानों की फसल को नुकसान पहुंच रहा है, जिसकी वजह से किसानों को लाखों का घाटा हो रहा है.

जैसलमेर में टिड्डियों का आतंक (प्रतीकात्मक तस्वीर) जैसलमेर में टिड्डियों का आतंक (प्रतीकात्मक तस्वीर)
aajtak.in
  • जैसलमेर,
  • 25 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 5:21 AM IST

  • पाकिस्तान की ओर से आ रही आफत टिड्डी का आतंक
  • पाकिस्तान ने समय से नहीं किया कीटनाशकों का प्रयोग
  • भारतीय किसानों की लाखों की फसलें हो रहीं बर्बाद

पाकिस्तानी सीमा की ओर से फसलों दुश्मन टिड्डियों का सीमावर्ती इलाकों में आना जारी है. पाकिस्तान से आ रहा टिड्डियों का दल किसानों के लिए बड़ी परेशानी की वजह बन गई है. टिड्डियों का दल जिस भी खेत पर बैठता है, फसलें ज्यादातर तबाह हो जाती हैं. टिड्डियों की वजह से भारतीय किसानों की करोड़ों की फसलें बरबाद हो रही हैं. पाकिस्तान अपनी सीमा से टिड्डियों को खत्म करने में असफल रहा है, जिसकी वजह से भारत में इनकी दखल देखने को मिल रही है.

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चीन ने पाकिस्तान को टिड्डियों को खत्म करने के लिए कीटनाशक सप्लाई किया था. कीटनाशक एक्सपायर होने की वजह से उसका असर टिड्डियों पर नहीं पड़ा. अब इसका खामियाजा भारतीय किसान भुगत रहे हैं. अपनी नाकामी को छिपाने के लिए पाकिस्तान ने भारत के टिड्डी नियंत्रण विभाग के साथ 21नवंबर को होने वाली बैठक को रद्द कर दिया था. इस बैठक से पहले भी पाकिस्तान एक बैठक रद्द की थी.

पाकिस्तानी सीमा से सटे जैसलमेर में सीमा पार से आई पाकिस्तानी टिड्डियों का आतंक सबसे ज्यादा है. टिड्डी विभाग का सिस्टम भी इसे नहीं रोक पा रहा है. टिड्डियों की संख्या इतनी ज्यादा है कि प्रभावित इलाकों में आसमान पर टिड्डियों की चादर से नजर आती है. किसान इन्हें भगाने की पूरी कोशिश में जुटे हुए हैं.

किसान टिड्डियों को भगाने के लिए अनूठे टोटके आजमा रहे हैं. कई किसान जहां इन्हें भगाने के लिए बाइक दौड़ा रहे हैं, तो वहीं कुछ किसान खेतों के पास टायर जलाकर इन्हें भगाने की कोशिश कर रहे हैं. कहीं किसान थाली बजाकर इन्हें भगाने में जुटे हैं तो कहीं जगह-जगह धुआं सुलगाया जा रहा है.

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लाखों की फसल हो रही बर्बाद

टिड्डियों के आक्रमण से करीब 300 से ज्यादा गांवों में किसानों की बोई हुई लाखों की रकम तबाह हो रही है. पाकिस्तानी सीमा से करीब 27 वर्षों बाद इतनी बड़ी संख्या में टिड्डियों का आना हुआ है. टिड्डियों के हमले से परेशान किसानों ने शनिवार को जिला कलेक्टर कार्यालय में प्रदर्शन भी किया, साथ ही कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा है.

वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि टिड्डी विभाग को दर्जनों कॉल और वीडियो भेजने के बाद भी उनकी ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. टिड्डियों के हमले से रामगढ़, लाठी, चांधण, नाचना और मोहनगढ़ सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं.

नहीं रुक रहा टिड्डियों के आने का सिलसिला

जैसलमेर जिले के किसानों को टिड्डी दलों से राहत नहीं मिल रही है. अब टिड्डियों के साथ साथ उन पर नियंत्रण करने वाले विभाग से भी परेशान हो रही है. समय पर टीमें नहीं पहुंच रही हैं और नुकसान बढ़ता जा रहा है. जिम्मेदारों की लापरवाही किसानों पर भारी पड़ती नजर आ रही है. करीब 1.25 लाख हेक्टेयर में टिड्डियां फैली हुई हैं लेकिन टिड्डी नियंत्रण में लगी हुई 20 गाड़ियां भी काबू नहीं पा रही हैं.

अब राज्य सरकार व टिड्डी नियंत्रण विभाग हवा के रुख में बदलाव का इंतजार कर रहा है कि हवा का रुख बदले तो पाकिस्तान से टिड्डियों के आने का सिलसिला रुके. टिड्डियों के हमले के कारण सबसे ज्यादा नुकसान बोई हुई फसलों में बाजरा, ग्वार, मूंग, मोठ आदि फसलों को हो रहा हैं इस बार बरसात अच्छी होने से किसानों ने अच्छी बुवाई की है.

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