
पाकिस्तान में 25 जुलाई को आम चुनाव होने जा रहे है, जिसमें भारत समेत दुनिया भर की निगाहें टिकी हुई हैं. पाकिस्तान के 71 साल के इतिहास में शायद ये पहली बार है, जब दुनिया के बड़े से बड़े आतंकी खुलकर राजनीति कर रहे हैं.
आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा का सरगना हाफिज सईद और उसके बड़े-बड़े आतंकी गुर्गे चुनावी मैदान में हैं. खुद हाफिज सईद निर्दलीय और उसके 250 आतंकी किराए की पार्टी पर सवार होकर इस्लामाबाद को फतह करने का पूरा सपना देख रहे हैं.
मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद समेत कई खूंखार आतंकी पाकिस्तान की संसद में पहुंचने को बेचैन हैं. इतना ही नहीं, आतंकी संगठन अपने-अपने दबदबे का फायदा उठाने के लिए राजनीतिक पार्टियों के साथ सौदाबाजी भी कर रहे हैं. आतंकी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान ने चुनाव में 152 आतंकियों को मैदान में उतारा है. इनका झुकाव भी हाफिज़ सईद की तरफ रहता है.
क्या पाकिस्तान का चेहरा बनेगा खूंखार आतंकी हाफिज सईद?
पाकिस्तान के चुनाव मैदान में खूंखार आतंकियों के उतरने से सवाल उठ रहे हैं कि क्या अब हाफिज़ सईद जैसे आतंकी मुल्क-ए-पाकिस्तान का चेहरा बनेंगे? जिन आतंकियों को एनआईए से लेकर सीआईए तक दुनिया की कई एजेंसियां ढूंढ रही हैं, क्या वो पाकिस्तान की हुकूमत चलाएंगे? एक लम्हे के लिए सोच के देखिए कि खुदा न खास्ता अगर दुनिया का यह मोस्ट वॉन्टेड आतंकी पाकिस्तान का वज़ीर बन गया, तो पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की तस्वीर क्या होगी? क्या मसूद अज़हर, सईद सलाउद्दीन और जकीउर रहमान लखवी जैसे आतंकी इसके सलाहकार होंगे?
हाफिज का बेटा और दामाद भी चुनाव मैदान में
हाफिज सईद का बेटा हाफिज तलहा सईद और दामाद हाफिज खालिद वलीद भी चुनाव मैदान में हैं. दोनों ही अल्लाहो अकबर पार्टी के टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं. हाफिज तलहा सईद सरगोदा से चुनाव लड़ रहा है, तो हाफिज़ ख़ालिद वलीद लाहौर से चुनाव लड़ रहा है. हाफिज़ सईद की तरह उसके बेटे और दामाद पर भी आतंक के दर्जनों मामले दर्ज हैं. इसके अलावा जमात-उद-दावा का आतंकी कारी मोहम्मद शेख याकूब भी अल्लाहो अकबर पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहा है. यह अमेरिका की टेरर लिस्ट में शामिल है. अहले सुन्नत वल जमात का आतंकी रमजान मेंगल और आतंकी औरंगजेब फारूकी भी चुनाव मैदान में हैं. इन पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने और कई बम धमाकों को अंजाम देने का आरोप है.
मुल्क की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी को आतंकियों का खुला समर्थन
पाकिस्तान में आतंकी सबसे बड़ी विपक्षी राजनीतिक पार्टी 'पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी' के समर्थन में खुलकर उतर आए हैं. इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी का आतंकवादी संगठन हरकत-उल-मुजाहिदीन का सरगना और अलकायदा का खास फज़लुर रहमान खलील ने समर्थन किया है.
ग्लोबल आतंकियों की अमेरिकी लिस्ट में शामिल कुख्यात आतंकी फजलुर रहमान खलील का इमरान को समर्थन देना इस बात की तरफ इशारा कर रहा है कि सरहद पार सत्ता हासिल करने का जो खेल खेला जा रहा है, वो न सिर्फ खुद पाकिस्तान के लिए घातक साबित हो सकता है, बल्कि भारत के लिए भी मुश्किल पैदा कर सकती है.
पाकिस्तानी सेना और इमरान की इस सांठ-गांठ की एक निशानी ये भी है कि पूर्व पीएम नवाज शरीफ को जेल भेजकर पहले ही इमरान का रास्ता साफ किया जा चुका है और रही सही कसर उनकी पार्टी के उम्मीदवारों को नोटिस भेजकर पूरी की जा रही है.
सांसद भेजे जा रहे जेल और आतंकी भेजे जा रहे संसद
पाकिस्तान के कई सांसदों ने प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से जुड़े उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने की मंजूरी दिए जाने को लेकर चिंता जता रहे हैं. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के सीनेट सदस्य परवेज राशिद ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को जेल भेजे जाने का जिक्र करते हुए कहा कि सांसदों को जेल भेजा जा रहा है और आतंकियों को संसद में लाया जा रहा है.
उन्होंने पाकिस्तान चुनाव आयोग को आगाह करते हुए कहा कि अगर आतंकियों के चुनाव लड़ने पर बैन नहीं लगाया गया, तो ये संसद में आ जाएंगे. इसके अलावा सीनेट में विपक्ष के नेता और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) की प्रमुख सदस्य शेरी रहमान ने आगाह किया कि आतंकी संगठनों से जुड़े उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने की इजाजत देने से वे मुख्यधारा में आ जाएंगे. उन्होंने कहा कि अगर ये आतंकी संसद में आ गए, तो हम सांस नहीं ले पाएंगे.
पाकिस्तान के लिए आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा
पाकिस्तान की विपक्षी पार्टी PPP के चेयरमैन बिलावल भुट्टो भी इस बात को मानते हैं कि आतंकवाद पाकिस्तान के लिए बड़ा खतरा है. उनका कहना है कि पाकिस्तान की वर्तमान स्थिति और भविष्य के लिए सबसे बड़ा खतरा आतंकवाद है. इस खतरे को समाज से समाप्त करना होगा. हाल ही में पाकिस्तान में राजनीतिक रैलियों में बड़े आतंकवादी हमले भी देखने को मिले हैं. इन हमलों में दो नेताओं समेत 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
आतंकियों के चुनाव लड़ने से US और भारत भी चिंतित
पाकिस्तान में आतंकियों के चुनाव लड़ने को लेकर भारत और अमेरिका भी बेहद चिंतित हैं. अमेरिका ने लश्कर-ए-तैय्यबा से जुड़े आतंकियों के चुनाव में उतरने को लेकर चिंता व्यक्त की है. अमेरिका ने अपनी चिंताओं से पाकिस्तान को अवगत भी करा दिया है. साथ ही यूरोपीय संघ ने भी पाकिस्तान से आम चुनाव के लिए सुरक्षित और भयमुक्त स्थितियां बनाने को कहा है.