Advertisement

पाकिस्तान की पनाह में बैठे हैं कई आतंकीः ...और कितने पालोगे

पाकिस्तान के हुक्मरान अपनी सरज़मीन से आतंक और आतंकवाद को खत्म करने का हमेशा दम भरते हैं. मगर वहां आतंक की लहलहाती फसलों के बीच से कभी दाऊद, कभी हाफिज सईद, कभी मसूद अज़हर और कभी सैयद सलाउद्दीन का चेहरा झांकता नज़र आता है. ऐसे में पाकिस्तान के सभी दावे खोखले नजर आते हैं. सैयद सलाउद्दीन को अमेरिका ने बेशक इंटरनेशनल आतंकवदी करार दे दिया हो मगर पाकिस्तान की ज़िद है कि वो तो इन्हें पालेगा.

दुनिया के कई वॉन्टेड आतंकियों को पाकिस्तान ने पनाह दे रखी है दुनिया के कई वॉन्टेड आतंकियों को पाकिस्तान ने पनाह दे रखी है
परवेज़ सागर/शम्स ताहिर खान
  • नई दिल्ली,
  • 18 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 3:20 PM IST

पाकिस्तान के हुक्मरान अपनी सरज़मीन से आतंक और आतंकवाद को खत्म करने का हमेशा दम भरते हैं. मगर वहां आतंक की लहलहाती फसलों के बीच से कभी दाऊद, कभी हाफिज सईद, कभी मसूद अज़हर और कभी सैयद सलाउद्दीन का चेहरा झांकता नज़र आता है. ऐसे में पाकिस्तान के सभी दावे खोखले नजर आते हैं. सैयद सलाउद्दीन को अमेरिका ने बेशक इंटरनेशनल आतंकवदी करार दे दिया हो मगर पाकिस्तान की ज़िद है कि वो तो इन्हें पालेगा.

Advertisement

अभी ज़्यादा दिन नहीं हुए जब हिज्बुल मुजाहिदीन के चीफ़ सैयद सलाउद्दीन के माथे पर अमेरिका ने ग्लोबल टेररिस्ट का टैग चस्पां कर दिया था. और अब देर सवेर बारी उसके आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन की भी आ गई. जिसे अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने आतंकी संगठन घोषित कर दिया. अमेरिकी क्षेत्र में आने वाली उसकी संपत्तियों को जब्त करने के आदेश कर दिए गए.

ज़ाहिर है अमेरिका का ये क़दम सिर्फ़ सलाउद्दीन और उसके आतंकियों के लिए ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान के लिए भी नई मुसीबतें लेकर आया है. वजह साफ़ है, अब तक पाकिस्तान ना सिर्फ़ सलाउद्दीन बल्कि उसके संगठन को भी कश्मीर की आज़ादी के लिए काम करने वाले लोगों का संगठन बताता रहा है, लेकिन अब अमेरिका के इस फैसले से साफ़ हो गया है कि दुनिया को उसकी इन डपोरशंखी बातों पर कोई ऐतबार नहीं. ऐसे में सवाल ये है कि आख़िर अमेरिका के इस फ़ैसले का इन आतंकवादियों और उनके सरपरस्तों पर क्या असर होगा, तो इसका जवाब सीधा सा है कि अब आतंक के गिरोहबाज़ घिर चुके हैं.

Advertisement

अब हिज्बुल के लिए कश्मीर के नाम पर फंड जुटाना पहले की तरह आसान नहीं होगा. विदेश में उसके लिए काम करने वाले लोगों पर शिकंजा कसेगा और उसके खाते सील होंगे. हिज्बुल के चीफ़ सलाउद्दीन पर पहले ही कई तरह की पाबंदियां हैं, संपत्ति ज़ब्त हो चुकी है. हिज्बुल के आतंकियों के खिलाफ़ कार्रवाई में भारत को अभी और आसानी होगीसभी अमेरिकी नागरिकों के हिज्बुल के साथ संबंधों और लेन-देन पर भी रोक लगेगी.

ऐसे में ये कहा जा सकता है कि ये पाबंदियां बेशक अमेरिका की तरफ़ से आई हैं, लेकिन ये भारत के लिए अपने-आप में एक बड़ी जीत है. पिछली बार जब पीएम मोदी अमेरिका जा रहे थे, तो उससे महज़ एक रोज़ पहले सलाउद्दीन को अमेरिका ने दागदार करार दिया था और अब जब मोदी से ट्रंप की बात हुई उसके दूसरे ही दिन ये फ़ैसला आ गया.

यहां ज़िक्रे-ख़ास है कि अमेरिका के इस फ़ैसले से अब हिज्बुल भी अल कायदा, आईएसआईएस, बोको-हराम के अलावा लश्कर-ए-तैय्यबा और जैश-ए-मोहम्मद सरीखे पाकिस्तान से चलने वाले दूसरे आतंकवादी संगठनों की कतार में खड़ा हो गया है. ऐसे में अब भारत के लिए भी ये एक अच्छा मौका है कि वो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सामने सैय्यद सलाउद्दीन और हिज्बुल मुजाहिदीन को अंतर्राष्ट्रीय आतंकी और अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी संगठन घोषित करवाने की कोशिश करे.

Advertisement

हिंदुस्तान से लेकर पाकिस्तान और पाकिस्तान से लेकर अमेरिका तक आतंकवादियों की उल्टी गिनती चालू है. फ़र्क बस इतना है कि हिंदुस्तान और अमेरिका इस गिनती को आगे बढ़ना चाहते हैं जबकि पाकिस्तान इसे रोकना चाहता है. तभी तो पिछले चौबीस घंटों में पाकिस्तान की पुश्तो-पनाही में पलने वाले दहशतगर्दों पर डबल अटैक हुआ है. एक तरफ़ जहां अमेरिका ने हिजबुल मुजाहिदीन पर अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी संगठन का ठप्पा लगा दिया है, वहीं दूसरी तरफ़ घाटी में लश्कर के एक और कमांडर को मौत की नींद सुला दिया गया.

हिंदुस्तान के खिलाफ़ ज़हर उगलने से लेकर ख़ून खराबा करने वाले आतंकवादियों को एक साथ दो-दो झटके लगे हैं. एक तरफ़ अमेरिका ने जहां हिज्बुल मुजाहिदीन को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया, वहीं घाटी में सुरक्षा बलों ने लश्कर ए तैय्यबा के एक और कमांडर को मौत की नींद सुला दिया है. उसका नाम था अयूब लेलहारी. जी हां, वो इंसानियत का दुश्मन था. लेकिन कश्मीर की आज़ादी के नाम पर बेगुनाहों का ख़ून बहाने वाले संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा का यही कमांडर बुधवार को हिंदुस्तानी फ़ौज और सुरक्षा बलों के जाल में कुछ ऐसा फंसा कि फिर लाश बनकर ही आज़ाद हुआ.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement