Advertisement

PAK ने कुलभूषण जाधव की मां-पत्नी को जारी किया वीजा, 25 को होगी मुलाकात

बुधवार को मोहम्मद फैसल ने कहा कि दिल्ली स्थित पाकिस्तान हाई कमीशन ने कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी को वीजा जारी कर दिया है, ताकि वो इस्लामाबाद पहुंचकर जाधव से मुलाकात कर सकें. जाधव की मां अवंती जाधव और पत्नी वाघा बॉर्डर से पाकिस्तान जाएंगे.

फाइल फोटो फाइल फोटो
राम कृष्ण/गीता मोहन
  • नई दिल्ली,
  • 20 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 9:07 PM IST

पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव के परिजनों को वीजा दे दिया है. पाकिस्तान के विदेश विभाग के प्रवक्ता डॉ मोहम्मद फैसल ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. बुधवार को मोहम्मद फैसल ने कहा कि दिल्ली स्थित पाकिस्तान हाई कमीशन ने कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी को वीजा जारी कर दिया है, ताकि वो इस्लामाबाद पहुंचकर जाधव से मुलाकात कर सकें.

जाधव की मां अवंती जाधव और पत्नी वाघा बॉर्डर से पाकिस्तान जाएंगे. इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि पाकिस्तान की सरकार ने सूचित किया है कि वे कुलभूषण की मां और पत्नी को वीजा देंगे. स्वराज ने कहा था कि उन्होंने इस बारे में जाधव की मां अवंतिका जाधव से बात की है और उन्हें इस बारे में बताया है. मालूम हो कि मार्च 2016 में पाकिस्तानी सेना ने भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को पकड़ लिया था.

Advertisement

भारत सरकार और जाधव को परिजनों की अपील पर पाकिस्तान ने यह वीजा जारी किया है. साथ ही पाकिस्तान ने इस्लामाबाद दौरे के समय जाधव के परिजनों की सुरक्षा का भी आश्वासन दिया है. कुलभूषण से उनकी मां और पत्नी की मुलाकात 25 दिसंबर को होनी है. इस दौरान भारतीय उच्यायोग का कोई अधिकारी उनके साथ मौजूद रह सकता है.

पाकिस्तान का दावा है कि भारतीय नौसेना का कमांडर जाधव भारत की प्रमुख खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनलिसिस विंग(रॉ) के लिए काम कर रहे थे. इस्लामाबाद का कहना है कि तीन मार्च 2016 को बलूचिस्तान में कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने उनको अवैध रूप से पाकिस्तान में पकड़ लिया गया था. हालांकि भारत का कहना है कि जाधव एक पूर्व नौसेना अधिकारी हैं और वो रॉ के लिए काम नहीं कर रहे थे.

Advertisement

पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को जासूसी के आरोपों में फांसी की सजा तक सुना दी थी. हालांकि अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने अपने आदेश में इस पर रोक लगा दी है. नई दिल्ली ने जाधव को वकील मुहैया कराने की मांग पर जोर दिया है, लेकिन इस्लामाबाद ने इस आधार पर अनुमति देने से इनकार कर दिया है कि जासूसों से संबंधित मामलों में इस तरह की मदद लागू नहीं.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement