
पाकिस्तान में हिंदू लड़की का जबरन धर्म परिवर्तन कराकर निकाह करने के मामले में कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. जकोबाबाद सेशन कोर्ट ने अलीजा उर्फ महक कुमारी को चाइल्ड शेल्टर होम में भेजने का फैसला किया है. उसे दो साल तक शेल्टर होम में रखा जाएगा. महक कुमारी केस को लेकर आज जकोबाबाद में लोगों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया. हालांकि, कई लोग कोर्ट के फैसले से नाखुश हैं.
शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के नेता मनजिंदर एस सिरसा ने कहा कि कोर्ट का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है. 14 साल की महक अपने माता-पिता के पास नहीं लौटी, बल्कि उसे अकेले रहने के लिए लरकाना के दारु लमन भेज दिया गया. कोर्ट अप्रत्यक्ष रूप से जबरन निकाह अपनाने को मजबूर कर रहा है. यह गलत है. मैं इमरान खान और अमित शाह से मुद्दे को उठाने की मांग करता हूं.
जकोबाबाद सेशन कोर्ट में सुनवाई के दौरान जज ने कहा कि भले ही महक कुमारी 18 साल की थीं और उन्होंने इस्लाम धर्म अपना लिया था और मुस्लिम लड़के से अपनी मर्जी से शादी की थी, लेकिन उनके जन्म प्रमाण पत्र से पता चला कि वह केवल 14 साल की है, जिससे साबित होता है कि वह नाबालिग है. इसलिए अदालत ने महक कुमारी को कम से कम दो साल के लिए चाइल्ड शेल्टर होम भेज दिया.
महक कुमारी का केस उस समय काफी अहमहो गया जब उसने अदालत के सामने खुलासा किया कि उसके साथ जबरन बलात्कार किया गया, धर्मपरिवर्तन किया गया और निकाह किया गया, जिससे मुस्लिम मौलवियों और कुछ अतिवादी समूह नाराज हो गए. उन्होंने महक कुमारी को काफिर घोषित कर दिया और उसकी मौत की मांग कर दी.
महक कुमार केस पर फैसला आने से पहले जकोबाबाद में बाजार को बंद करा दिया गया था और शांति प्रदर्शन किया जा रहा है. इस दौरान धार्मिक मौलवियों को यह ऐलान करते हुए भी देखा गया कि अगर कोर्ट महक कुमारी को उसके परिवार को लौटा देता है, तो वे कुमारी को उसके धर्मांतरण और शादी पर प्रारंभिक बयान से बदलने के लिए जान से मार देंगे.