Advertisement

चुनाव प्रचार के बहाने हाफिज सईद की 'आतंकी पाठशाला'

लाहौर में 23-24 जून को हाफिज सईद ने अपने संगठन जमात-उद दावा की पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग का सोशल मीडिया कंवेन्शन कराया. इस दो दिवसीय वर्कशॉप के जरिए एक बार फिर हाफिज सईद ने भारत के खिलाफ युवाओं को बरगलाया.

आतंकी हाफिज सईद आतंकी हाफिज सईद
जावेद अख़्तर
  • लाहौर,
  • 25 जून 2018,
  • अपडेटेड 1:11 PM IST

पाकिस्तान के चुनावी रण में हाथ आजमा रहा मुंबई आतंकी हमले का गुनहगार हाफिज सईद प्रचार में जुटा हुआ है. चुनाव प्रचार के नाम पर भी आतंकी सईद अपने नापाक मंसूबों को फैला रहा है. इसके लिए उसने सोशल मीडिया को भी हथियार बनाना शुरू कर दिया है.  

लाहौर में 23-24 जून को हाफिज सईद ने अपने संगठन जमात-उद दावा की राजनीतिक पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग का सोशल मीडिया कंवेन्शन कराया. इस दो दिवसीय वर्कशॉप के जरिए एक बार फिर हाफिज सईद ने भारत के खिलाफ युवाओं को बरगलाया.

Advertisement

बता दें कि हाफिज सईद ने चुनाव लड़ने के मकसद से मिल्ली मुस्लिम लीग का गठन किया था. लेकिन उसे राजनीतिक पार्टी के तौर पर रजिस्टर्ड नहीं किया गया. इसके बाद आतंक फैलाने वाले हाफिज सईद ने अल्लाह-हू-अकबर पार्टी के नाम पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है.

पाकिस्तान में 25 जुलाई को आम चुनाव होने हैं. पाकिस्तान नेशनल असेंबली की कुल 272 सीटें हैं, जिनमें 202 सीटों पर हाफिज सईद अपने उम्मीदवार उतार रहा है. हालांकि, उसने खुद चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है लेकिन उसका बेटा तल्हा सईद और दामाद चुनाव लड़ रहा है. 202 में से 50 उम्मीदवार नेशनल असेंबली के लिए खड़े हैं, जबकि 152 उम्मीदवार प्रांतीय सदन के लिए चुनाव लड़ रहे हैं.

हाफिज के संगठन जमात-उद-दावा को जून 2014 में अमेरिका ने विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया था. वहीं, अमेरिका ने आतंकवादी संगठनों की जो लिस्ट जारी की उसमें मिली मुस्लिम लीग और तहरीक-ए-आजादी-ए-कश्मीर को लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन बताया गया है. हाफिज सईद को ग्लोबल आतंकवादी करार दिया गया है.

Advertisement

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement