
पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय कुलभूषण जाधव से उनके परिवार को मिलाने के लिए कई महीनों तक ड्रामा करने के बाद पाकिस्तान ने आखिरकार जाधव के परिवार को उनसे मिलाया भी, तो भी तमाशे से ज़्यादा कुछ नहीं किया. शीशे की एक दीवार के आर-पार जाधव को उनके परिवार ने देखा और इंटरकॉम पर बात की. 22 महीने बाद 40 मिनट की इस मुलाकात के दौरान कुलभूषण जाधव केवल अपनी मां और पत्नी को देख ही पाए, छू तक नहीं सके, गले लगाना तो दूर की बात है.
पाकिस्तान का असली चेहरा
इस मुलाकात के फौरन बाद पाकिस्तान प्रोपेगैंडा वीडियो जारी करने में जुट गया है. मुलाकात के बाद पाकिस्तान ने टुकड़े-टुकड़े में कई वीडियो जारी किया है. उसमें से एक वीडियो है जिसमें कुलभूषण जाधव परिजनों से मुलाकात कराने के लिए पाकिस्तानी सरकार को शुक्रिया कहते दिखाई दे रहे हैं. कुलभूषण जाधव ने कहा, 'मैं इस बैठक के लिए पाकिस्तान और मंत्रालय का आभारी हूं. मैं वास्तव में सभी का आभारी हूं. मैंने अनुरोध किया था कि मैं अपनी मां और पत्नी से मिलूं.' मिल रही जानकारी के मुताबिक इस वीडियो की रिकॉर्डिंग मुलाकात के पहले ही कर ली गई थी. यानी पाकिस्तान अपनी छवि चमकाने के लिए एक बार गलत रास्ते पर निकल पड़ा है.
फिर आलापा जासूस राग
इसके अलावा एक बार फिर पाक ने जाधव को लेकर जासूसी का झूठा राग अलापाना शुरू कर दिया है. इस मुलाकात के बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैजल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जाधव को लेकर पाकिस्तान के रुख में कोई नरमी नहीं आई है. जाधव पाकिस्तान में पकड़े गए हैं और उन्हें लेकर उनके कई सवाल हैं जिनका जवाब वे चाहते हैं. पाकिस्तान की नजर में वे जासूस हैं. हालांकि भारत का कहना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था जहां वह भारतीय नौसेना से सेवानिवृत होने के बाद कारोबार के सिलसिले में थे.
एक और झूठ का सहारा
यही नहीं, मुलाकात के बाद पाकिस्तान की ओर से लगातार झूठी बातों को हवा दी जा रही है. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय का दावा है कि उसने जाधव की पत्नी और मां को इस्लामाबाद में इस मुलाकात के कवरेज के लिए मौजूद राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मीडिया से बातचीत की इजाजत दी है. लेकिन भारत ने इसपर रोक लगा दी है.
मुलाकात के पीछे छवि चमकाने में जुटा PAK
पाकिस्तान ने इस मुलाकात को देश के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के जन्मदिन के मौके पर मानवीय कदम के तौर पर प्रदर्शित किया. फैसल ने ट्वीट किया, 'पाकिस्तान कायदे आजम मोहम्मद अली जिन्ना के जन्मदिन पर कमांडर जाधव की पत्नी और मां की उनसे मुलाकात की मानवीय कदम के तौर पर अनुमति देता है. ट्वीट में जाधव की पहचान भारत के पूर्व नौसैनिक अधिकारी के रूप में की गई है. फैसल ने यह ट्वीट भी किया कि इस्लामी परंपराओं की रोशनी में मुलाकात तय की गयी और यह पूरी तरह मानवीय आधार पर थी.'
लगातार दबाव से मुलाकात के लिए तैयार हुआ पाकिस्तान
दरअसल पाकिस्तान ने जाधव से उनके परिवार की इस मुलाकात का इंतज़ाम विदेश मंत्रालय के दफ्तर में किया था. भारतीय मीडिया को इसके कवरेज की इजाज़त तक नहीं दी गई थी. पहले तो पाकिस्तान भारतीय राजनयिक से जाधव की मुलाकात को लेकर भी आनाकानी करता रहा. लेकिन भारत के दबाव में उसे, जाधव के परिवार के साथ राजनयिक को भी जाधव को देखने की इजाज़त देनी पड़ी. लेकिन ये इजाज़त केवल दिखावे की थी.
परिवार के साथ जाधव की इंटरकॉम पर जो बातचीत हई, वो भी स्पीकर पर थी, यानी आस-पास मौजूद सब लोग सुन सकते थे. मुलाकात के दौरान दोनों तरफ कैमरे लगाकर रिकॉर्डिंग की जा रही थी. कुल मिला कर पाकिस्तान ने जाधव और उनके परिवार के दर्द को तमाशा बनाकर अपनी छवि चमकाने की पूरी कोशिश की.