
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ आतंक की हिमायत तो पहली ही खुलकर कर चुके हैं, अब आतंक के आकाओं से हाथ मिलाने को भी तैयार हैं.
परवेज मुशर्रफ आतंक के आका हाफिज सईद के साथ हाथ मिलाकर चुनाव लड़ना चाहते हैं.
पहले मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और लश्कर सरगना हाफिज सईद ने चुनाव लड़कर पाकिस्तानी संसद पहुंचने का ऐलान किया. इसके बाद जब हाफिज सईद को नजरबंदी से राहत मिली तो परवेज मुशर्रफ ने इस पर खुशी जाहिर की और खुद को लश्कर-ए तैयबा का सबसे बड़ा समर्थक बता डाला.
मुशर्रफ ने एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल 'आज न्यूज' से बातचीत के दौरान हाफिज सईद के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है.
दरअसल, मासूमों पर बम-बदूंक चलवाने वाला हाफिज सईद अब पाकिस्तानी संसद को अपना हेड क्वार्टर बनाना चाहता है. उसने चोरी-छिपे ये इरादा ज़ाहिर नहीं किया है, बल्कि पाकिस्तानी सरकार, पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की नाक के नीचे डंके की चोट पर अपने ये मंसूबा लोगों को बताया है.
हाफिज सईद ने पाक नेशनल एसेंबली का चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. पाकिस्तान में 2018 में आम चुनाव होने हैं. जिसमें हाफिज सईद अपने राजनीतिक दल मिल्ली मुस्लिम लीग के टिकट पर चुनाव लड़ेगा.
बता दें कि पाकिस्तान का चुनाव आयोग हाफिज की पार्टी को मान्यता देने से इनकार कर चुका है. बावजूद इसके हाफिज़ चुनाव लड़ने के दावे कर रहा है और अब पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ भी उनका साथ देने के लिए तैयार खड़े हैं.
रिहाई पर अमेरिका ने जताया था ऐतराज
जब 24 नवंबर को हाफिज़ नज़रबंदी से रिहा हुआ तो अमेरिका ने पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाई थी. ट्रंप प्रशासन की ओर से जारी बयान में दो टूक कहा गया कि हाफिज की रिहाई से आतंकवाद से लड़ने में पाकिस्तान की प्रतिबद्धता को लेकर गलत संदेश गया है. अमेरिका हाफिज की नज़रबंदी से रिहाई की कड़ी निंदा करता है और उसकी तुरंत गिरफ्तारी की मांग करता है.