
पाकिस्तानी सरकार ने लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी हाफिज सईद के दो संगठनों को अपने अधिकार में लेने का फैसला किया है. इन संगठनों में जमात-उद-दावा भी शामिल है.
अमेरिका द्वारा आतंकी घोषित किए गए हाफिज सईद के बारे में यह फैसला काफी अहम माना जा रहा है. हाफिज सईद नजरबंदी से रिहा होने के बाद आम चुनावों में उतरने की तैयारी में है.
पाकिस्तानी सरकार ने अपने और राज्य सरकारों के मंत्रालयों को इस बारे में खास निर्देश जारी किए हैं. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक इस सिलसिले में 19 दिसंबर को एक विस्तृत रिपोर्ट संबंधित विभागों को भेजी गई है.
पाक सरकार हाफिज के संगठन जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत-फाउंडेशन को अपने नियंत्रण में लेने वाली है. पाकिस्तानी वित्त मंत्रालय ने कानून मंत्रालय और सभी पांच प्रांतों की सरकारों को इस बारे में विस्तृत योजना बनाने को कहा है.
अमेरिका ने जमात-उद-दावा को आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी फ्रंट घोषित किया हुआ है. इस संगठन पर भारत में 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले करने का आरोप है. इस हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी.
सईद के खिलाफ तैयार हुआ ताजा दस्तावेज फाइनैंशियल एक्शन टास्क फोर्स को भी संबोधित किया गया है. यह अंतरराष्ट्रीय संगठन मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग को रोकने का काम करता है. यह संगठन पाकिस्तान पर आतंकी फंडिंग को रोकने के लिए लगातार दबाव बना रहा था.
हाफिज सईद के पाकिस्तानी राजनीति में आने को लेकर भारत के अलावा अमेरिका ने भी पाकिस्तान से चिंता जाहिर की थी. इसलिए पाक सरकार का यह कदम काफी अहम माना जा रहा है.
इस बारे में पाक गृह मंत्री अहसान इकबाल ने कहा है कि उन्होंने गैरकाननी संगठनों की फंडिंग रोकने के आदेश दिए हैं. उन्होंने यह भी कहा है कि पाकिस्तान ने अमेरिकी दबाव में कोई कदम नहीं उठाया है.
आपको बता दें कि सईद करीब 300 धार्मिक शिक्षण संस्थान और स्कूल, अस्पताल, पब्लिशिंग हाउस और एंबुलेंस सर्विस चलाता है. उसके इन दोनों संगठनों में करीब 50 हजार स्वयंसेवक और सैकड़ों कर्मचारी हैं.
अमेरिका ने हाफिज सईद 1 करोड़ डॉलर का इनाम घोषित किया हुआ है. राजनीति में आने की कोशिश कर रहे सईद ने मिल्ली मुस्लिम लीग नामक नई राजनीतिक पार्टी भी बनाई है.
सईद के खिलाफ तैयार कागजात में लाहौर में मौजूद जमात-उद-दावा के 200 एकड़ में फैले हेडक्वार्टर का नाम भी शामिल है. पाकिस्तान सरकार के इस कदम का ताकतवर पाक सेना की ओर से विरोध देखने को मिल सकता है. सईद के राजनीति में आने का पाक सेना भी समर्थन कर रही है.