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PoK में 'अब्दुल्ला के पाकिस्तान' का 'अय्याशी टैक्स' के विरोध में 7 दिन से बाजार बंद!

पाकिस्तान के अय्याशी टैक्स के विरोध में पिछले हफ्ते भर से गिलगित बाल्तिस्तान का इलाका बंद है. दुकान व स्कूल बंद हैं. गिलगित बाल्तिस्तान को लूट रहे पाकिस्तान की अय्याशी के खिलाफ आवाज़ उठ रही है.

फाइल फोटो फाइल फोटो
राम कृष्ण
  • गिलगित-बाल्तिस्तान,
  • 17 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 7:19 AM IST

जग्गा टैक्स...बदमाशी टैक्स...अय्यारी टैक्स...अय्याशी टैक्स...ये उस पाकिस्तान को दिए जा रहे वो नाम है, जिनसे वो अपने कब्जे वाले कश्मीर के गिलगित-बाल्तिस्तान का टैक्स पर टैक्स लगाकर खून चूस रहा है.

इसके विरोध में पिछले हफ्ते भर से गिलगित बाल्तिस्तान का इलाका बंद है. दुकान व स्कूल बंद हैं. गिलगित बाल्तिस्तान को लूट रहे पाकिस्तान की अय्याशी के खिलाफ आवाज़ उठ रही है.

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PoK में 'अब्दुल्ला के पाकिस्तान' का 'अय्याशी टैक्स'

क्या अब फारूक अब्दुल्ला इस पर बोलने की हिम्मत करेंगे, जो पिछले कुछ दिनों से बड़े ज़ोर-शोर से पाकिस्तान के गीत गा रहे हैं. पाकिस्तान के एटम बम भारत को दिखा रहे हैं और कह रहे हैं कि पीओके पर हक की बात मत कहो. क्या इसीलिए कि अब्दुल्ला साहब के प्यारे पाकिस्तान को पीओके में अय्याशी की खुली छूट मिलती रहे.

पाकिस्तान ने PoK में मचा रखी है लूट

फारूक अब्दुल्ला जिस पाकिस्तान की ताकत पर सीना चौड़ा कर रहे हैं. चूड़ियां नहीं पहने होने की बात कर रहे हैं. उस पाकिस्तान ने उस कश्मीर को कैसे जंज़ीरों में जकड़ दिया है. कैसे अपने कब्ज़े वाले कश्मीर में लूट मचा रखी है. ये पिछले सात दिनों में गिलगित-बाल्तिस्तान के बंद ने बता दिया है.

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गिलगित-बाल्तिस्तान में रिमोट कंट्रोल वाली सरकारें

यहां ये पिछले सात दिन से ही नहीं हो रहा है. ये पिछले सात दशक की दर्दनाक कहानी है. जब से पाकिस्तान ने कश्मीर के इस हिस्से पर गैरकानूनी कब्ज़ा कर रखा है. गिलगित-बाल्तिस्तान में नाम के लिए उसने रिमोट कंट्रोल वाली सरकारें रखी हुई हैं, जो गिलगित को लूटकर अपनी जेबें और पाकिस्तान का खजाना भर रही हैं.

चीन बना रहा आर्थिक गलियारा

पाकिस्तान की लूट के खिलाफ गिलगित-बाल्तिस्तान में आज पहली बार आवाज नहीं उठी है. जबसे पाकिस्तान ने इसे इलाके को आर्थिक गलियारे के नाम पर चीन को एक तरह से सौंप दिया. तब से लगातार गिलगित में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और पाकिस्तान इनको सेना के बल पर कुचल रहा है.

पाकिस्तान की कतूतों पर कब तक पर्दा डालेंगे फारूक

गिलगित-बाल्तिस्तान के 10 जिले अब उस पाकिस्तान की गुलामी की जंजीरों से बाहर आने को बेचैन हैं, जो पाकिस्तान को जग्गा डाकू कहते हैं. अगर फारूक अब्दुल्ला जैसे लोग खुद को कश्मीर का नेता कहते हैं, तो वो ये कैसे सोच भी लेते हैं कि पीओके की बात नहीं करनी चाहिए. पाकिस्तान की करतूतों पर फारूक अब्दुल्ला जैसे नेता कब तक पर्दा डालते रहेंगे?

पांच हजार करोड़ सालाना टैक्स वसूलता है PAK

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गिलगित-बाल्तिस्तान पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर का वो हिस्सा है, जिसे वो अपना 5वां राज्य बनाना चाहता है. गिलगित-बाल्तिस्तान को उस हिस्से से अलग रखा गया है, जिसे पाकिस्तान आज़ाद कश्मीर के झूठे नाम से बुलाता है. गिलगित-बाल्तिस्तान में हर तरीके से पाकिस्तान सालाना पांच हज़ार करोड़ रुपये का टैक्स वसूलता है. यह क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है, जिनका पूर्ण दोहन पाकिस्तान करता रहा है. इस इलाके को पाकिस्तान ने चीन को उसके व्यापार का आर्थिक गलियारा बनाने के लिए एक तरह से सौंप दिया है.

 

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