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‘जेहादी शॉपिंग लिस्ट’ और पाक-चीन का भारत के खिलाफ ‘डर्टी गेम’

पाकिस्तान का चीन से जेहादी शॉपिंग करने का मकसद आतंकवादियों को अत्याधुनिक हथियारों और साजोसामान से लैस करना है, जिससे कि वो एलओसी पर घुसपैठ करने के बाद भारतीय सुरक्षा बलों को निशाना बना सकें.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 17 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 5:22 PM IST

  • पाकिस्तान बाकायदा ‘जिहादी शॉपिंग लिस्ट’ बनाकर सामान खरीद रहा है
  • इस लंबी जेहादी शॉपिंग लिस्ट को पाकिस्तान-चीन ने मिलकर तैयार किया

एक तरफ पाकिस्तान की ओर से कश्मीर घाटी में बड़े पैमाने पर घुसपैठ कराने के लिए आतंकवादियों को ट्रेनिंग दी जा रही है, तो दूसरी ओर, इन नापाक हरकतों को पर्दे के पीछे से इस्लामाबाद को चीन का पूरा समर्थन मिल रहा है. ऐसी आशंका जहां पहले भारतीय एजेंसियों की ओर से जताई गईं कि पाकिस्तान को चीन सीमावर्ती इलाकों में सुरंग बनाने में तकनीकी मदद दे रहा है तो अब सामने आया है कि पाकिस्तान बाकायदा ‘जिहादी शॉपिंग लिस्ट’ बनाकर ड्रोन्स, हथियार और ऊंचाई वाले इलाकों में इस्तेमाल किए जाने वाला अन्य सामान खरीद रहा है.

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एक हफ्ते पहले आजतक ने खुफिया रिपोर्ट के हवाले से बताया था कि आतंकवादियों को किस तरह पाकिस्तान के स्पेशल सर्विस ग्रुप के कमांडो ट्रेंड कर रहे हैं. (अफगान पहाड़ियों में तालिबानी आतंकियों को ट्रेनिंग दे रही पाक आर्मी!) सुरक्षा मामलों के जानकारों का यह कहना है कि आतंकी पहले भी महिला ओवरग्राउंड वर्कर का इस्तेमाल करते रहे हैं, लेकिन खुलकर ये महिलाएं सामने नहीं आई हैं.

जहां पाकिस्तान-अफगानिस्तान की सीमा वाली पहाड़ियों पर तालिबानी, अफगानी और पठानी आतंकियों को हथियारों की ट्रेनिंग दी जा रही है, वहीं पाक अधिकृत कश्मीर में भी घाटी में बड़ी वारदात को अंजाम देने के इरादे से लॉन्च पैड एक्टिव किए गए हैं. खुफिया इनपुट्स के मुताबिक यहां करीब 380 आतंकवादियों को पाकिस्तान ने घुसपैठ के इरादे से इकट्ठा कर रखा है.

पाकिस्तान का चीन से ‘जेहादी शॉपिंग’ करने का मकसद आतंकवादियों को अत्याधुनिक हथियारों और साजोसामान से लैस करना है, जिससे कि वो एलओसी पर घुसपैठ करने के बाद भारतीय सुरक्षा बलों को निशाना बना सकें.

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सुरक्षा एजेंसियों से आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक इस लंबी जेहादी शॉपिंग लिस्ट को पाकिस्तान और चीन ने मिलकर तैयार किया है. सूत्रों के मुताबिक इस लिस्ट से जुड़ी अहम डील्स पर चीनी अधिकारियों के पाकिस्तान दौरे के दौरान मुहर लग सकती है. आइए जानते हैं कि पाकिस्तान की इस जेहादी शॉपिंग लिस्ट में है क्या- क्या?

1- बुलेट प्रूफ जैकेट्स

पाकिस्तान करीब 3000-4000 ‘मिलिट्री कॉम्बैट बैलिस्टिक बुलेट प्रूफ जैकेट’ चीन से खरीद रहा है. सूत्रों की माने तो इन जैकेट्स को पाकिस्तानी सेना अपनी "मुजाहिद बटालियन" को देने जा रही है. ये बटालियन नियंत्रण रेखा (LOC) पर जैश-ए-मुहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और अन्य संगठनों के आतंकियों को घुसपैठ कराने में मदद करती है. सीमा पर भारतीय सुरक्षा बलों की सजग नजर की वजह से ऐसे आतंकी ढेर होते रहते हैं. पाकिस्तान का मंसूबा उन्हें बुलेट प्रूफ जैकेट्स का कवच देकर घाटी में पहुंचाना है.

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2- बैलून बॉर्न स्पाई रडार्स

चीन से इस्लामाबाद बैलून बॉर्न स्पाई रडार्स खरीद रहा है. उसका इरादा इन्हें लाइन ऑफ कंट्रोल पर तैनात करना है. खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पाकिस्तान इन्हें सरहद पर भारतीय सुरक्षा बलों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए खरीदना चाहता है. पाकिस्तान का मंसूबा इन रडार्स के जरिए आतंकियों को अलर्ट करते रहना है.

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3- हाई एल्टीट्यूड ड्रेस और अन्य सामान

ऊंचाई वाले पहाड़ी क्षेत्रों में, खास तौर पर सर्दियों में खास ड्रेस की जरूरत होती है. पाकिस्तान आतंकियों के लिए ऐसी ड्रेस समेत भारी संख्या में हाई एल्टीट्यूड सामान चीन की एक कंपनी से खरीद रहा है. उसका मकसद साफ है कि ठंड बढ़ने के दौरान भी आतंकियों को इस ड्रेस और सामान से लैस कर घुसपैठ के लिए भेजा जा सके. पाकिस्तान की कोशिश बर्फीले पहाड़ों से सर्दियों में भी एलओसी पर मोर्चा खोले रखने की है.

आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक इस हाई एल्टीट्यूड सामान में 15 प्रकार की चीज़ें शामिल हैं-

- हाई एल्टीट्यूड गॉगल्स

- हार्नेस सीट

- वार्म कैप

- कैराबिनर (Carrabinar)

- डाउन शूट

- ग्लव्स

- लेदर ग्लव्स

- ड्रिंकिंग वॉटर बॉटल

- बीकन एवलांच

- फोल्डेड लैडर

- वायर कटर

- फेस प्रोटेक्टर

- ग्लेशियर कैप

- पार्का जैकेट

- पुली (Pully)

इन सारे साजोसामान से बर्फ से ढंके पहाड़ों पर भी चलने में मदद मिलती है.

4- 80,000 राउंड स्टील बुलेट्स

पाकिस्तान चीन से खतरनाक 80,000 राउंड स्टील बुलेट भी खरीद रहा है. ये स्टील बुलेट्स बहुत ही घातक होती हैं. पाकिस्तान इन बुलेट्स को पहले भी जैश-ए-मुहम्मद के आतंकियों को जम्मू और कश्मीर में इस्तेमाल के लिए मुहैया करा चुका है.

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5- SH -15 हॉवित्जर तोप

पाकिस्तानी सेना ने भारी संख्या में SH -15 हॉवित्जर तोप खरीदने की डील चाइना नॉर्दन इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन के साथ की है. खुफिया सूत्रों मानना है कि पाकिस्तान ये सब खरीददारी लाइन ऑफ कंट्रोल और इंटरनेशनल बॉर्डर पर तैनाती के लिए कर रहा है. उसका एक मकसद आतंकियों को इनका कवर देकर घुसपैठ कराना है. रक्षा मामलों के जानकर मानते है कि चीन ये सब हथियार पाकिस्तान को सामरिक मजबूती के लिए दे रहा है.

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6- CH-4 ड्रोन्स

खुफिया रिपोर्ट्स से ये खुलासा हुआ है कि चीन नवंबर -दिसंबर 2020 तक पाकिस्तान को हथियारों से लैस ड्रोन CH-4 UCAV ( Unmanned Combat Aerial Vehicle) को सौंप देगा. CH-4 ड्रोन से सीमा पर जासूसी का बड़ा प्लान पाक ने तैयार किया है. पाकिस्तान पहले भी अन्य ड्रोन जम्मू और कश्मीर, पंजाब में भेज कर जासूसी और हथियार पहुंचाने की खुराफात करता रहा है.

भारत के खिलाफ चीन-पाक का 'डर्टी गेम'

रक्षा जानकारों का मानना है कि चीन बेशक भारत से लगती अपनी सीमा को लेकर अधिक मुखर नहीं है लेकिन वो पाकिस्तान को अब पर्दे के पीछे से आधुनिक हथियार और अन्य साजोसामान की आपूर्ति करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा. सुरक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल (रिटायर्ड) पीके सहगल के मुताबिक 'पाकिस्तान की चीन हर स्तर पर मदद कर रहा है. चीन की मंशा भारत को पाकिस्तान के साथ एलओसी पर उलझाए रखने की है और चीन के साथ एलएसी पर भारत का ध्यान बंटेगा. इसीलिए चीन की ओर से पाकिस्तान को हाई एल्टीट्यूड पर काम आने वाली ड्रेस के अलावा दवाएं, फूड भी मुहैया कराया जा रहा है.'

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सहगल जोर देकर कहते हैं, 'भारत को ‘जैसे को तैसा’ वाली पॉलिसी अपनानी चाहिए. जिस तरह चीन पाकिस्तान को ये सामान उपलब्ध करा रहा है. चीन को उसी की भाषा में जवाब देने के लिए हमें भी वियतनाम और ताईवान को रक्षा उपकरण देने चाहिए जिससे चीन को कड़ा संदेश जा सके.'

रक्षा मामलों के जानकार मेजर जनरल (रिटायर्ड) एसपी सिन्हा का कहना है, 'पाकिस्तान चीन से जो ‘जेहादी शॉपिंग’ कर रहा है उसके पीछे एक बड़ी रणनीति है. आतंकवादियों की घुसपैठ सरहद पर इस वक्त न के बराबर हो रही है. पाकिस्तान चीन से हथियारों की खेप, बुलेट प्रूफ जैकेट, ड्रोन, हाई एल्टीट्यूड ड्रेस और स्टील बुलेट सहित दूसरी रक्षा सामग्री खरीद रहा है. ये पाकिस्तान और चीन का मिलकर ‘डर्टी गेम’ खेलने का सबूत है. हमें चौकसी बढ़ानी चाहिए जिससे कि सर्दियों में पाकिस्तान को आतंकियों की घुसपैठ कराने जैसी खुराफातों का मौका न मिल सके.'

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