
पूर्व भारतीय नौसैनिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में अचानक मौत की सजा सुना दी गई. ऐसे साफ संकेत हैं कि भारत-नेपाल सीमा पर पकड़े गए पाकिस्तानी सेना के एक अफसर पर हिन्दुस्तानी कार्रवाई के डर से पाक सेना ने जल्दीबाजी में ये कदम उठाया है. दोनों देशों के जर्नलिस्टों द्वारा सोशल मीडिया पर षड्यंत्र का आरोप लगाते हुए तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. लेकिन एक बात तो कॉमन है कि लेफ्टिनेंट कर्नल मो. हबीब नेपाल में गायब हैं.
तो क्या पाकिस्तानी कार्रवाई पाकिस्तान सेना के अधिकारी के नेपाल में अपहरण से संबंधित है? यदि हां, तो यह कोई आम प्रचलन की बात नहीं है. भारतीय पक्ष का मानना है कि कुलभूषण जाधव को मौत की सजा देने के पीछे पाकिस्तान का मकसद ये है कि भारत भी लेफ्टिनेंट कर्नल हबीब के खिलाफ कार्रवाई की घोषणा करने को मजबूर हो. वहीं, पाकिस्तानी पक्ष का मानना है कि जाधव पर पाक कार्रवाई से पहले भारत ने हबीब को गिरफ्तार कर लिया, ताकि बातचीत के लिए मजबूर किया जा सके.
आरोप में दम?
दोनों ही पक्षों का आरोप हास्यास्पद लग रहा है, क्योंकि न तो भारत ने अभी तक इस बात की घोषणा की है कि किसी पाकिस्तानी अफसर को गिरफ्तार किया गया है, न ही पाकिस्तान इस बात का आरोप लगाया है कि भारत ने उसके किसी अफसर को पकड़ा है. अभी तक के सभी संकेत मीडिया रिपोर्ट से हैं. सोशल मीडिया पर कुछ पाकिस्तानी आरोप लगा रहे हैं कि भारत ने हबीब को इसलिए गिरफ्तार किया है, ताकि जाधव को छुड़ाने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाया जा सके.
नेपाल से पाकिस्तानी अधिकारी के अपहरण की ख़बर अभी पूरी तरह साफ भी नहीं हो पाई है कि पाकिस्तान ने भारतीय अधिकारी को सज़ा-ए-मौत सुना दी है. सोमवार को पाकिस्तानी सेना की कोर्ट ने जाधव को मौत की सजा सुनाई है. भारत ने पाकिस्तानी कार्रवाई पर कड़ा विरोध जताया है. विदेश मंत्रालय ने पाक उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब किया. जाधव पर पाकिस्तान में रॉ के लिए काम करने का आरोप लगा था. उनको 3 मार्च, 2016 को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था.
जैसे को तैसा
कुछ पाकिस्तानियों का आरोप है कि 6 अप्रैल को नेपाल के लुंबनी से गायब हुए पाकिस्तानी सेना के अफसर लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्मद हबीब भारतीय जांच एजेंसियों की हिरासत में हैं. पाकिस्तानी सेना के रिटायर्ड अफसरों के एक व्हाट्सएप ग्रुप में हबीब की गुमशुदगी की चर्चा हुई. इसके बाद यह बात मीडिया में सामने आ गई. बताया जा रहा है कि 2014 में रिटायर्ड होने के बाद हबीब एक प्राइवेट फर्म के लिए काम करते थे. वह नेपाल में जॉब के सिलसिले में आए थे.
उनके परिजनों की माने तो नेपाल आने के बाद हबीब ने एक सेल्फी भेजी थी. उन्होंने कहा था कि वह सुरक्षित नेपाल पहुंच गए हैं. हबीब ने पाकिस्तान के लाहौर से नेपाल के काठमांडु के लिए उड़ान भरी थी. इसके बाद वह भारतीय बॉर्डर पर स्थित बुद्धस्थल लुबंनी गए थे. इसके बाद से उनका कोई पता नहीं है. पाकिस्तान और भारत में तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. लेकिन कयासबाजी पर तब तक बल नहीं मिलेगा, जबतक कोई आधिकारिक घोषणा न हो.