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पनामा पेपर्स लीक: वित्त मंत्रालय ने दिया त्वरित कार्रवाई का भरोसा

पनामा के लॉ फर्म मोस्साक फॉन्सेका के कुछ लीक पेपर्स में यह बात सामने आई थी कि भारत सहित दुनिया के कई प्रमुख लोगों, कारोबारियों ने टैक्स हैवन कहे जाने वाले देशों में काला धन छुपाया है. अब फिर इस फर्म के कुछ ऐसे दस्तावेज सामने आए हैं जिनमें कई नए नाम सामने आए है.

पनामा पेपर्स के नए लीक में कई भारतीय कारोबारियों के नाम पनामा पेपर्स के नए लीक में कई भारतीय कारोबारियों के नाम
दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 22 जून 2018,
  • अपडेटेड 12:54 PM IST

आयकर विभाग ने पनामा पेपर्स से हुए नए खुलासों की त्वरित जांच का भरेासा दिया है. वित्त मंत्रालय ने कहा कि नए मामलों की भी मल्टी एजेंसी ग्रुप (MAG) के द्वारा जांच की जाएगी.

गौरतलब है कि पनामा पेपर्स पहली बार अप्रैल 2016 में लीक हुए थे. पनामा के लॉ फर्म मोस्साक फॉन्सेका के कुछ लीक पेपर्स में यह बात सामने आई थी कि भारत सहित दुनिया के कई प्रमुख लोगों, कारोबारियों ने टैक्स हैवन कहे जाने वाले देशों में काला धन छुपाया है. अब फिर इस फर्म के कुछ ऐसे दस्तावेज सामने आए हैं जिनमें कई नए नाम सामने आए हैं और पुराने कारोबारियों पर टैक्स चोरी के आरोप कुछ पुख्ता हुए हैं.

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पनामा पेपर्स में पहली बार भारतीयों का नाम सामने आने के बाद इसकी समन्वित और त्वरित जांच के लिए केंद्र सरकार ने अप्रैल 2016 में एक मल्टी एजेंसी ग्रुप (MAG) बनाया था.

इंटरनेशनल कंसोर्श‍ियम ऑफ इन्वेस्ट‍िगेटिव जर्नलिस्ट ने 12 लाख से ज्यादा नए दस्तावेजों की जांच की है. इनमें से कम से कम 12,000 नए दस्तावेज भारतीयों से संबंधित हैं. दो साल पहले सामने आए मोस्साक फॉन्सेका के दस्तावेज में 500 भारतीयों का नाम था. 

नए खुलासे में जिन लोगों का नाम शामिल है उनके सालाना आयकर रिटर्न, विदेशी एसेट, विदेशी आय आदि की केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) जांच करेगा. एमएजी के संयोजक सीबीडीटी के चेयरमैन ही होते हैं. इसमें आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय (ED), फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट (CBDT) और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के प्रतिनिधि शामिल होते हैं.

 इंटरनेशनल कंसोर्श‍ियम ऑफ इन्वेस्ट‍िगेटिव जर्नलिस्ट ने 12 लाख से ज्यादा नए दस्तावेजों की जांच की है. इनमें से कम से कम 12,000 नए दस्तावेज भारतीयों से संबंधित हैं. दो साल पहले सामने आए मोस्साक फॉन्सेका के दस्तावेज में 500 भारतीयों का नाम था. पनामा पेपर्स सबसे पहले जर्मनी के अखबार स्यूज डोयचे जेइटुंग को मिले थे.

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खबर के अनुसार, केंद्र सरकार ने एक मल्टी एजेंसी ग्रुप (MAG) बनाया है जो लिस्ट में शामिल 426 भारतीयों के बारे में जांच-पड़ताल कर रहा है. इस जांच के आधार पर करीब 1,000 करोड़ के काले धन का पता लगाया गया है.  

हाल में लीक हुए पनामा पेपर्स में कई नए दिग्गज भारतीय कारोबारियों के नाम सामने आए हैं. इनमें पीवीआर सिनेमा के मालिक अजय बिजली और उनके परिवार के सदस्य, हाइक मैसेन्जर के सीईओ और टेलीकॅाम दिग्गज सुनील मित्तल के बेटे कवीन मित्तल, एशियन पेंट्स के सीईओ अश्विन दानी के बेटे जलज दानी शामिल हैं.

(businesstoday.in से साभार)

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