
पुरानी कहावत है कि देश की सत्ता का रास्ता यूपी से होकर जाता है. बात यूपीए की हो या एनडीए की सत्तासीन सांसदों की लंबी फौज इसी प्रदेश से है. लेकिन इसे दुर्भाग्य कहें या कुछ और कि यूपी विकास की बजाय बढ़ते अपराध, बेरोजगारी, पिछड़ापन और अब दंगों के लिए जानी जाने लगी है. सवाल यह कि आखिर यूपी में राजनीति का स्वरूप क्या है?
पंचायत आजतक के पांचवें सेशन में चर्चा यूपी की राजनीति यानी 'पॉलिटिक्स ऑफ यूपी' पर हुई. चर्चा में शामिल थे बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी, कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद, राज्यसभा से सपा सांसद नरेंश अग्रवाल और बीएसपी नेता सुधिंद्रा भदोरिया.
सवाल: क्या मिलेगा उत्तर प्रदेश और उसकी जनता को?
सुधांशु त्रिवेदी: बीजेपी के पिछले पीएम भी यूपी से थे और इस बार भी. दुख की बात है कि यूपी की स्थिति विंडबनापूर्ण है. दुख की बात है कि हम राज्य की सीमाओं में ज्यादा प्रवेश नहीं कर सकते, लेकिन अपनी पूरी सामर्थ्य से यूपी में कानून व्यवस्था को ठीक करने और विकास को बढ़ाने में योगदान देंगे.
सवाल: लोकसभा में हार से कांग्रेस इतना घबरा गई है कि राहुल गांधी यूपी में प्रचार के लिए भी नहीं आ रहे हैं?
जितिन प्रसाद: चुनावों में हार-जीत लगी रहती है. आज भी गांव-गांव से कांग्रेस जुड़ी हुई है. कांग्रेस ने कुर्बानियां दी हैं. हम भड़काकर राजनीति नहीं कर रहे हैं. हम विकास के नाम पर राजनीति करते हैं. राहुल गांधी ने कमजोर से कमजोर परिस्थिति में यूपी की कमान संभाली है. वैसे मैं आपको बता दूं कि हमारी पार्टी के शीर्ष नेता उपचुनावों में प्रचार नहीं करते.
सवाल: दंगे, अपराध और महिलाओं की सुरक्षा यूपी में बड़े मुद्दे बनते जा रहे हैं?
नरेश अग्रवाल: यूपी मात्र राज्य नहीं, एक देश के समान है. उत्तर प्रदेश इस देश की राजनीति का भाग्यविधाता है. इस देश को अगर किसी ने दिशा दी है तो वो यूपी है. उत्तर प्रदेश को मदद चाहिए. लेकिन दुख की बात यह है कि केंद्र से मदद नहीं मिल रही है. यूपीए और एनडीए दोनों ने ही यूपी की उपेक्षा की, जबकि ज्यादातर सांसद यूपी से हैं. जो भी देश का पीएम होता है वो यूपी के लिए अलग से बैठक बुलाता था. इंदिरा जी भी ऐसा करती थीं. लेकिन पिछले 10 सालों से ऐसा कुछ नहीं हुआ.
सवाल: तो आप ये कह रहे हैं कि इस वजह से अपराध बढ़ रहे हैं?
नरेश अग्रवाल: मैं ऐसा नहीं कह रहा हूं. लेकिन केंद्र सरकार को ऐसे कदम उठाने चाहिए जिससे यूपी की हालत सुधारी जा सके. यूपी में क्राइम रोकने के लिए केंद्र सरकार को पहल करनी चाहिए. ऐसा कानून बनाएं कि लोगों में भय हो.
सुधिंद्रा भदोरिया: यूपी विंडबनापूर्ण नहीं बल्कि निर्मम परिस्थिति से गुजर रहा है. आज यूपी की जनता बेसब्री से बहन मायावती का इंतजार कर रही है. मायावती के शासन में कानून राज था और महिलाएं सुरक्षित थीं. उनके कार्यकाल में विकास दर 9 फीसदी थी.
सवाल: लोकसभा चुनाव में लगा नहीं कि लोग मायावती को चाहते हैं?
भदोरिया: लोकसभा चुनाव में लोगों के मन में मोदीजी के लिए विशेष मोह था, जिसका फायदा बीजेपी को हुआ.
सवाल: विकास के बाद अब लव जेहाद?
सुधांशु त्रिवेदी: पिछले 20 सालों में यूपी में दंगों के चलते 3 बार सेना तैनात हुई. तीनों बार समाजवादी पार्टी की सरकार थी.
जितिन प्रसाद: लोकसभा में जीत के बाद बीजेपी 100 दिन के अंदर ही प्लान बी पर आ गई है, जिसमें सांप्रदायिक हिंसा और भावनाओं को भड़काना है. बीजेपी छोटी-छोटी अफवाहों पर सफाई देती है, लेकिन सांप्रदायिक तनाव पर चुप रहती है.
नरेश अग्रवाल: क्या कारण है कि जहां-जहां बीजेपी की सरकार है वहां दंगे होते हैं तो बीजेपी कहती है कि जहां 10 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम है वहां दंगे होते हैं.
सुधांशु त्रिवेदी: कश्मीर में कुछ हो, गया में कुछ हो और हैदराबाद में कुछ हो तो बीजेपी जिम्मेदार हो जाती है. इसलिए ये बीजेपी को बदनाम करने की सोची-समझी साजिश है.
सवाल: आपके सम्मानित सांसद योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि जहां 10 से 30 फीसदी मुस्लिम हैं वहां दंगे होते हैं?
सुधांशु त्रिवेदी: देखिए, योगी आदित्यनाथ ने किसी खास परिस्थिति और घटना के संबंध में जो बात कही उसे राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में नहीं देखा जाना चाहिए.
जितिन प्रसाद: समजावादी पार्टी और बीजेपी की लड़ाई में यूपी बर्बाद हो गया है. यूपी का पोलोराइजेशन कर दिया गया है. सिर्फ वोट बंटोरने की चिंता है. यूपी में कानून व्यवस्था चौपट है, चीनी मिलें बंद हो रही हैं, बाढ़ आ रही है, रोजगार नहीं है, गांवों में कुछ नहीं है. सिर्फ वाराणसी को चमकाने से कुछ नहीं होगा. आप विकास की बात करेंगे तभी यूपी का भला होगा.
सुधांशु त्रिवेदी: कांग्रेस के घड़ियाली आंसू हैं. क्या इतने सालों में इन्होंने अमेठी और रायबरेली को मुंबई बना दिया. समाजवादी पार्टी ने धर्म के आधार पर दंगा प्रभावितों की लिस्ट जारी की और ये हम पर सांप्रदायिक होने का आरोप लगाते हैं.
नरेश अग्रवाल: बीजेपी हिंदू तुष्टिकरण की राह पर चल रही है और इन्होंने भगवान को बेचने का काम किया है. लव इंडिया बोलो, लव पीपुल बोलो. ये लव जेहाद कहां से आ गया और ये क्या होता है.
सुधांशु त्रिवेदी: कम्युनिस्ट पार्टी से केरल के सीएम अच्युतानंद ने सबसे पहले लव जिहाद का जिक्र किया था. बीजेपी और संघ ने सबसे पहले इसका इस्तेमाल नहीं किया.
नरेश अग्रवाल: तो क्या अगर कोई गलत शब्द बोल देगा तो आप उसका इस्तेमाल करना जारी रखेंगे.
सवाल: जो केंद्र की सत्ता में आता है नेता जी (मुलायम) उससे डरते हैं?
नरेश अग्रवाल: नेता जी डरते नहीं है वो ज्यादा डेमोक्रेटिक हैं. पीएम विदेश में हैं और विदेश मंत्री दिल्ली में हैं.
जितिन प्रसाद: आज कोई भी मंत्री स्वतंत्र नहीं है. कोई मंत्री कुछ नहीं कह सकता है. एक आदमी का भय है.
सुधांशु त्रिवेदी: हां, इस बात की आजादी नहीं है कि कोई पीएम के अध्यादेश को सरेआम फाड़ दे.
नरेश अग्रवाल: मेरा व्यक्तिगत रूप से यही मानना है कि जो पीएम ने पहल की है हमें उसमें उनका साथ देना चाहिए. राष्ट्र हित में हम उनका साथ देंगे. हमसे पीछे जो देश थे वो आगे निकल गए और हम आज भी आरक्षण, धर्म और जातिवाद पर ही उलझे हुए हैं.