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पंचायत आजतकः सिंघवी बोले- SC के खिलाफ कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव नहीं पास किया

चीफ जस्टिस के भ्रष्टाचार और सरकार द्वारा उन्हें बचाने के आरोपों पर पिंकी आनंद ने कहा कि विपक्ष का काम है मुद्दा उठाना, उन्हें चुनाव नजर आ रहा है. पिंकी आनंद ने कहा कि चीफ जस्टिस का पूरा मामला अलग था, जब कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट गई तो ये अलग मामला हो गया.

पंचायत आजतक पंचायत आजतक
नंदलाल शर्मा
  • नई दिल्ली ,
  • 26 मई 2018,
  • अपडेटेड 9:01 PM IST

पंचायत आजतक के चौदहवें सेशन 'सुप्रीम कौन' में कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी और एडिशनल सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने न्यायपालिका की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की. न्यायपालिका से संबंधित राजदीप सरदेसाई के एक सवाल के जवाब में सिंघवी ने कहा कि जस्टिस जोसेफ का उदाहरण सामने है. सरकार पूरी न्यायपालिका को दंडित करने का संदेश दे रही है. पहली बार ये हुआ कि आप जो लिखेंगे, उससे मैं आपको संदेश दे रहा हूं कि आपको दंडित किया जा सकता है.

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पिंकी आनंद ने कहा कि जस्टिस जोसेफ का मामला कोलेजियम के पास दोबारा गया है. इस विचार किया जा रहा है. कोलेजियम की सिफारिश सरकार खारिज कर सकती है.

मनचाहे फैसलों को लेकर न्यायपालिका पर सेलेक्टिव आरोप लगाने के सवाल पर सिंघवी ने कहा कि ये मिथ्या प्रचार है. आपने महाभियोग, लोया और कर्नाटक को जोड़ा है. पहली बार चार जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. 71 वर्ष में पहली बार जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. महाभियोग और कर्नाटक को जोड़ना एक तरीके से मजाक की बात है. महाभियोग एक संवैधानिक मामला है, जिसका मैंने विरोध किया. महाभियोग का मामला आखिरकार निरस्त हो गया, लेकिन इसका कर्नाटक से क्या संबंध है?

महाभियोग के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये सही नहीं है. कुछ सांसद प्रस्ताव लेकर आए, लेकिन क्या इसके बाद कांग्रेस को सुप्रीम कोर्ट नहीं जाना चाहिए था. हम उच्चतम न्यायालय के खिलाफ याचिका नहीं ले गए थे. क्या जस्टिस मिश्रा पर कांग्रेस को अविश्वास नहीं है? के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ गए थे, सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ नहीं. हमारे पास विकल्प क्या थे.

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जजों की नियुक्ति में देरी पर पिंकी आनंद ने कहा कि जस्टिस लोया और महाभियोग का जहां तक संबंध है, तो ये एक दिन में नहीं होता है. पहले से तैयारी की जाती है. पहली बार हुआ कि चीफ जस्टिस के खिलाफ याचिका डाली गई. उपराष्ट्रपति के खारिज कर देने के बाद तीन हफ्ते बाद दोबारा सक्रियता दिखती है. ये न्यायपालिका को अस्थिर करने की कोशिश थी.

चार जजों के प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के सवाल पर पिंकी आनंद ने कहा कि जजों का ये आतंरिक मामला है, जो अब लगभग शांत हो चुका है. क्या जस्टिस गोगोई को सुपरसीड नहीं किया जाएगा, के सवाल पर पिंकी ने कहा कि ये न्यायपालिका का आंतरिक मामला है. इसमें सरकार शामिल नहीं है.

चीफ जस्टिस के भ्रष्टाचार और सरकार द्वारा उन्हें बचाने के आरोपों पर पिंकी आनंद ने कहा कि विपक्ष का काम है मुद्दा उठाना, उन्हें चुनाव नजर आ रहा है. पिंकी आनंद ने कहा कि चीफ जस्टिस का पूरा मामला अलग था, जब कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट गई तो ये अलग मामला हो गया.

सुप्रीम कोर्ट को राजनीतिक फुटबॉल बनाने के सवाल पर सिंघवी ने कहा कि न्यायपालिका के साथ ऐसा होना आसान नहीं है. दक्षिण एशिया में भारत एक अपवाद है, जहां न्यायपालिका की जड़ें काफी मजबूत हैं.

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राहुल गांधी द्वारा पाकिस्तान के साथ तुलना पर सिंघवी ने कहा कि क्या हर संस्था को कंट्रोल करने की कोशिश नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि जहां तक राहुल गांधी की बात है, तो उन्होंने कहा कि था कि सुप्रीम कोर्ट पाकिस्तान के कोर्ट की तरह न बन जाए. इसके लिए हम खड़े हैं. वे उस भय की बात कर रहे थे, जिसके जरिए ऐसा वातावरण बनाया जा रहा है कि दो लोग सेंट्रल हॉल में खड़े होकर बात न कर सके.

सिंघवी ने कहा कि हमने न्यायपालिका के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं पास किया है. न्यायपालिका में 45 प्रतिशत पद खाली हैं. ये क्या है? न्यायपालिका की रीढ़ की हड्डी कमजोर करने की कोशिश की जा रही है. अगर संख्या कम रहेगी, तो जाहिर है कि संस्था कमजोर होगी.

न्यायपालिका में नियुक्ति के सवाल पर पिंकी आनंद ने कहा कि सरकार का इसमें रोल है, लेकिन आप सिर्फ सरकार को दोषी नहीं ठहरा सकते. हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की भी भूमिका है. सिंघवी ने कहा कि कोलेजियम की शुरुआत के साथ ही जजों की नियुक्ति में देरी शुरू हुई, लेकिन कोलेजियम की सिफारिश को सरकार दबा रही है. इलाहाबाद हाईकोर्ट का उदाहरण सामने है, जहां दो लोगों की नियुक्ति के लिए 20 लोगों की नियुक्ति रोकी गई.

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न्यायपालिका के भगवाकरण पर पिंकी आनंद ने कहा कि ऐसा कभी नहीं हुआ, जैसा लोया केस में हुआ. हर मामले में एसआईटी जांच नहीं हो सकती. अगर ऐसा होता है, तो हर केस में एसआईटी जांच बढ़ा दीजिए.

क्या कांग्रेस इस देश में अविश्वास का माहौल बढ़ाना चाहती है? के सवाल पर पिंकी आनंद ने कहा कि ये तो हास्यास्पद है, फिर सिंघवी ने कहा कि कोशिश की जा रही है.

हर संस्था पर सवाल उठाने के मामले में पिंकी आनंद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट हर आदमी के लिए अंतिम उम्मीद है. सिंघवी ने कहा कि जिन संस्थाओं को इस देश ने सींचा है, उन्हें बर्बाद करने की कोशिश हो रही है, राष्ट्रीय स्तर पर जो प्रतिशोध की राजनीति हो रही है, उसे देश ने कभी नहीं देखा.

उन्होंने कहा कि 1975 में जो हुआ उसके लिए मैं माफी मांगता हूं, लेकिन क्या उसके लिए आज जो हो रहा है, उसे सही ठहराया जा सकता है. आज संस्थाओं की स्वच्छंदता को प्रभावित किया जा रहा है. आखिरी में पिंकी आनंद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट जैसी संस्थाओं को स्वतंत्र छोड़ दिया जाए.

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