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किराये पर लाल किला? महेश शर्मा बोले- ये कौआ कान ले गया जैसी कहानी

केंद्र सरकार ने लाल किला किराये पर क्यों दे दिया, जवाब में केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने कहा, 'हम लोगों ने एक कहानी सुनी थी कि कौआ कान ले गया. फिर देखा कान तो यही हैं. किसने कहा लाल किला बेचा और कौन खरीदार है. हमारे देश के 3686 स्मारक हैं, जिनकी देखभाल संस्कृति मंत्रालय करता है. इसमें से 116 स्मारक ऐसे हैं जहां लोग सबसे ज्यादा जाते हैं.'

पंचायत आजतक में महेश शर्मा पंचायत आजतक में महेश शर्मा
अजीत तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 26 मई 2018,
  • अपडेटेड 8:02 PM IST

पंचायत आजतक कार्यक्रम के मंच से केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि लाल किले बिका नहीं है बल्कि उसकी व्यवस्था को बेहतर करने और उसमें सुधार करने के लिए सरकार ने कंपनी के साथ एएमयू किया है.

ये पूछे जाने पर कि केंद्र सरकार ने लाल किला किराये पर क्यों दे दिया, जवाब में केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने कहा, 'हम लोगों ने एक कहानी सुनी थी कि कौआ कान ले गया. फिर देखा कान तो यही हैं. किसने कहा लाल किला बेचा और कौन खरीदार है. हमारे देश के 3686 स्मारक हैं, जिनकी देखभाल संस्कृति मंत्रालय करता है. इसमें से 116 स्मारक ऐसे हैं जहां लोग सबसे ज्यादा जाते हैं.'

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उन्होंने बताया कि कुछ लोग मेरे पास आए और बोले कि हम स्मारकों की व्यवस्था को सुधारने में अपना योगदान देना चाहते हैं. लाल किले के दिल्ली गेट और लाहौरी गेट के बीच 800 मीटर का सफर है. बुजुर्ग बाप पैदल जाता था परेशानी होती थी तो किसी ने कहा कि मैं यहां चार बैट्री ऑपरेटेड कार चलाना चाहता हूं, जो यहां से वहां तक लोगों को फ्री में ले जाएगी, हमने कहा स्वागत है.

शर्मा ने कहा कि जनभागीदारी बनाना प्रधानमंत्री का सपना है. इसके तहत कई लोग सामने आए, जिसके बाद सरकार ने भागीदारी को दो हिस्सों में बांटा. जिसमें स्मारक को संभालने, सजाने और संवारने का सारा काम भारत सरकार के तहत आने वाला भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग करेगा और स्मारक की टॉयलेट व्यवस्था, सफाई की व्यवस्था, वहां की पार्किंग की व्यवस्था, वहां के रेस्टोरेंट की व्यवस्था एएमयू वाली कंपनी देखेगी.

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उन्होंने कहा, 'दिक्कत ये है कि एमओयू किसी ने नहीं पढ़ा, बस चिल्ला पड़े कि कौआ कान ले गया. 25 करोड़ की राशि कहां से आई किसी को नहीं पता और सवाल किए जा रहे हैं.'

उन्होंने बताया कि एमओयू में साफ साफ लिखा है कि डायरेक्ट या इनडायरेक्ट एक भी रुपये का रिवेन्यू जनरेट होता है तो उसे भी स्मारक के काम में ही खर्च किया जाएगा. एएमयू की पहली लाइन में लिखा है कि एक भी रुपये का फाइनेनशियल ट्रांजेक्शन सरकार और कंपनी के बीच नहीं होगा. साथ ही उन्होंने बताया कि करीब 80 प्रार्थना प्रत्र सरकार को मिले हैं, जिसमें अलग अलग स्मारकों की व्यवस्था देखने की बात कही गई है.

मोदी सरकार के कार्यकाल के चार साल पूरे होने पर आजतक ने पंचायत का आयोजन किया है. नई दिल्ली के होटल ताज पैलेस में दिनभर चलने वाली इस पंचायत में केंद्र सरकार के वरिष्ठतम मंत्रियों समेत विपक्ष के कई बड़े नेता मोदी सरकार के कामों का हिसाब दिया.

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