Advertisement

हरियाणा पुलिस इस तरह चुका रही है गुरमीत राम रहीम के अहसानों का बदला

हरियाणा पुलिस की एसआईटी को पंचकुला हिंसा और डेरा सच्चा सौदा मामले में कोर्ट ने तगड़ा झटका दिया है. अदालत ने 53 आरोपियों पर लगाई गई देशद्रोह और हत्या की कोशिश धाराओं को हटाने का फरमान सुनाया है. इसके बाद सवाल उठ रहा है कि क्या हरियाणा पुलिस इस तरह से सरकार पर किए गए गुरमीत राम रहीम के अहसानों का बदला चुका रही है.

इस मामले में हरियाणा पुलिस को हाई कोर्ट ने फटकार भी लगाई थी इस मामले में हरियाणा पुलिस को हाई कोर्ट ने फटकार भी लगाई थी
परवेज़ सागर/मनजीत सहगल
  • चंडीगढ़,
  • 19 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 4:51 PM IST

हरियाणा पुलिस की एसआईटी को पंचकुला हिंसा और डेरा सच्चा सौदा मामले में कोर्ट ने तगड़ा झटका दिया है. अदालत ने 53 आरोपियों पर लगाई गई देशद्रोह और हत्या की कोशिश धाराओं को हटाने का फरमान सुनाया है. इसके बाद सवाल उठ रहा है कि क्या हरियाणा पुलिस इस तरह से सरकार पर किए गए गुरमीत राम रहीम के अहसानों का बदला चुका रही है.

Advertisement

नहीं ली थी गृह विभाग से इजाजत

इस मामले में सबसे बड़ा कानूनी पेच ये है कि हरियाणा पुलिस ने आरोपियों पर देशद्रोह का मामला दर्ज करने से पहले केंद्र और राज्य सरकार के गृह विभाग से इजाज़त नहीं ली थी. इसलिए कोर्ट के फरमान के बाद सवाल उठा कि क्या पुलिस ने दोषियों को बचाने के लिए जान बूझकर केंद्र और राज्य सरकार से देशद्रोह का मामले में इजाज़त नहीं ली?

अहम बात ये भी है कि 53 डेरा प्रेमियों के खिलाफ देशद्रोह साबित करने में नाकाम रहने वाली पुलिस, क्या हनीप्रीत को गुनाहगार साबित करवा पाएगी? अब ऐसा प्रतीत होता है कि डेरा सच्चा सौदा हिंसा मामले की जांच में जान बूझकर तथ्यों को नजर अंदाज़ किया गया. जिसकी वजह से हरियाणा पुलिस की फजीहत हो रही है.

कोर्ट में नाकाम पुलिस

Advertisement

पिछले साल हज़ारों डेरा समर्थकों को पंचकुला में घुसने से रोकने में नाकाम रही हरियाणा पुलिस अब हिंसा के आरोप में पकड़े गए गुरमीत राम रहीम के चेलों पर देशद्रोह के आरोप साबित करने मे फेल हो गई है. वजह है कि हरियाणा पुलिस के आला अधिकारियों ने देशद्रोह का मामला दर्ज करने से पहले न तो हरियाणा और न ही केंद्र सरकार के गृह विभाग से इजाज़त ली.

दूसरा देशद्रोह के आरोप साबित करने के लिए एसआईटी कोर्ट में सबूत भी नहीं दे पाई. यही नहीं कोर्ट ने डेरा के बदमाशों पर धारा 307 के तहत आरोप मानने से भी इनकार कर दिया. उधर, डेरा हिंसा मामले के याचिकाकर्ता वकील रविंदर ढुल्ल ने पुलिस पर जानबूझ कर ढिलाई बरतने का आरोप लगाया है. ढुल्ल के मुताबिक पुलिस ने जान बूझकर गृह विभाग से इजाज़त नहीं ली ताकि केस को कमजोर बना सकें.

पुलिस को पहले भी मिली फटकार

गौरतलब है कि जांच में खामियों के चलते हाई कोर्ट की बेंच से भी हरियाणा पुलिस को फटकार मिल चुकी है. पुलिस अधिकारियों ने डेरे से बाहर कैश और दूसरा कीमती सामान ले जाने वाले बलराज से भी पूछताछ नहीं की थी. यही नहीं डेरा की चेयरपर्सन विपासना इंसान के खिलाफ वारंट जारी होने के बावजूद भी उसे गिरफ्तार नहीं किया गया. हिंसा के मामले में आज तक गुरमीत राम रहीम को पुलिस आरोपी नहीं बना सकी. यही वजह है कि हरियाणा सरकार और पुलिस की नीयत पर सवाल उठ रहे हैं.

Advertisement

कोर्ट ने सुनाया था ये फरमान

सोमवार की सुबह पंचकुला हिंसा और आगजनी के मामलों की सुनवाई कर रही अदालत ने हरियाणा पुलिस की एसआईटी को बड़ा झटका दिया. कोर्ट ने आदेश दिया है कि 53 आरोपियों के खिलाफ दर्ज किए गए देशद्रोह और हत्या के प्रयास के आरोपों को एफआईआर से हटा दें. क्योंकि पुलिस के पास इन आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं.

हालांकि कोर्ट ने साफ कर दिया कि हनीप्रीत इंसान , आदित्य इंसान और दूसरे लोगों के खिलाफ देशद्रोह और आपराधिक षड्यंत्र के मामले जारी रहेंगे. जिन आरोपियों के खिलाफ दर्ज देशद्रोह और हत्या के प्रयास की धाराएं हटाने को कहा गया है, उनमें पंचकुला डेरा के इंचार्ज चमकौर सिंह, प्रवक्ता सुरेंद्र धीमान सहित कुल 53 आरोपी शामिल हैं.

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 भी लगाई थी, लेकिन 25 अगस्त को हुई हिंसा के मामले से यह साबित नहीं होता कि किसी पुलिसकर्मी या अन्य को जान का खतरा है. मामले की जांच कर रही एसआईटी आरोपियों के खिलाफ लगाए गए देशद्रोह के आरोप भी साबित नहीं कर पाई.

बचाव पक्ष के वकीलों ने कोर्ट को बताया था कि पुलिस मामले से जुड़ी सीसीटीवी फुटेज की रिकॉर्डिंग या ऐसे तथ्य पेश नहीं कर पाई जिससे देशद्रोह के आरोप साबित हो सकें. बचाव पक्ष के वकील सुरेश रोहिल्ला के मुताबिक आरोपियों के खिलाफ अब पंचकुला की चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की ट्रायल कोर्ट में सुनवाई होगी.

Advertisement

ये था पूरा मामला

गौरतलब है कि पिछले साल 25 अगस्त के दिन डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बलात्कार के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकुला में हिंसा भड़की थी. जिसमें 34 लोगों की मौत हो गई थी. इन दंगों की जांच करने के लिए पुलिस ने 8 से ज्यादा एसआईटी टीम बनाकर कोर्ट में चालान पेश किया था.

हिंसा के दौरान गुरमीत राम रहीम के समर्थकों ने करीब 400 करोड़ की सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था. मामला अभी भी पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement