
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 6 दिसंबर को आत्मदाह की धमकी देने वाले महंत स्वामी परमहंस दास को पुलिस ने जेल भेज दिया है. पुलिस ने यह कार्रवाई आत्महत्या के प्रयास, शांति भंग और माहौल खराब करने के आरोप के तहत की है.
दरअसल, तापसी छावनी के महंत स्वामी परमहंस दास ने राम मंदिर निर्माण के लिए बाबर विचारधारा विध्वंस महायज्ञ करने के साथ ऐलान किया था कि सीतामढ़ी से लाई मिट्टी से तिलक करके वह 6 दिसंबर की दोपहर 12:00 बजे आत्मदाह कर लेंगे. उन्होंने कहा था कि बाबर विचारधारा विध्वंस महायज्ञ का उद्देश्य बाबर की विचारधारा रखने वाले 2 फीसदी कट्टर मुस्लिमों की बुद्धि शुद्धि के लिए था.
संत परमहंस ने आगाह भी किया कि यदि प्रशासन ने बर्बरता की तो 6 दिसंबर को आत्मदाह के प्रयास में गिरफ्तार करने के बाद जब छोड़ेंगे तब बताऊंगा मेरी अगली रणनीति क्या होगी. परमहंस दास ने चेतावनी दी है कि 5 दिसंबर तक अगर राम मंदिर निर्माण के लिए कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला तो 6 दिसंबर को आत्मदाह कर लेंगे.
इससे पहले, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए तापसी छावनी के महंत स्वामी परमहंस दास 1 अक्टूबर को आमरण अनशन पर बैठे थे. तब अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया के अयोध्या दौरे से एक दिन पहले प्रशासन उन्हें आश्रम से जबरन उठाकर ले गई थी और लखनऊ के अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था. जिसके बाद उनकी हालत में सुधार देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 12 दिसंबर को उन्हें मिलने के लिए बुलाया और जूस पिलाकर उनका अनशन खत्म कराया था.
संत परमहंस दास कुछ दिनों पहले काशी की धर्म संसद में भी शामिल हुए थे. जहां उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें इस धर्म संसद में शामिल होने से रोका जा रहा था और उनके आश्रम में तोड़फोड़ की गई. परमहंस दास ने यह भी कहा था कि हमे दूसरों से नहीं बल्कि अपने ही लोगों से खतरा है.