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दहेज का साफ मतलब लड़की की कीमत लगाना है: परिणीति चोपड़ा

एक इंटरव्यू के दौरान परिणीति ने पकड़वा विवाह और दहेज जैसे मुद्दों पर बात की. उन्होंने कहा कि भारत में दहेज प्रतिबंधित है लेकिन फिर भी समाज में इसका प्रचलन है.

परिणीति चोपड़ा परिणीति चोपड़ा
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 6:52 PM IST

एक्ट्रेस परिणीति चोपड़ा की फिल्म जबरिया जोड़ी 9 अगस्त को रिलीज हो रही है. इसमें वह सिद्धार्थ मल्होत्रा के अपोजिट नजर आएंगी. फिल्म में बिहार में जबरदस्ती कराई जाने वाली शादियों की कहानी को दिखाया जाएगा. एक इंटरव्यू के दौरान परिणीति ने पकड़वा विवाह और दहेज जैसे मुद्दों पर बात की. उन्होंने कहा कि भारत में दहेज प्रतिबंधित है लेकिन फिर भी समाज में इसका प्रचलन है.

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परिणीत ने आईएएनएस को बताया, "सब जानते हैं कि दहेज-प्रथा गैरकानूनी और अनैतिक है, लेकिन वे इसका लेन-देन करते हैं. ऐसे में मुझे गुस्सा तो तब आता है जब लोग इसे अच्छा बनाने के लिए 'तोहफे' का जामा पहना देते हैं. दहेज का साफ अर्थ यही होता है कि आप लड़की की कीमत लगा रहे हैं और उसे खरीद रहे हैं. हम खुद को आधुनिक कहते हैं, लेकिन फिर हम ये क्या कर रहे हैं? श्रेष्ठ दिखने के लिए हम लड़की के परिवार वालों से पैसे और लग्जरी चीजों की मांग करते हैं. हमारे देश का यह नजारा दुर्भाग्यपूर्ण है."

उन्होंने कहा, ''दहेज देना एक और अपराध को न्योता देने जैसा है. इसमें से ही एक अपराध बालिगों को पकड़ कर जबरदस्ती बंदूक की नोक पर शादी करने के लिए मजबूर करना है. इस अपराध को 'पकड़वा विवाह' (जबरदस्ती शादी) के नाम से जाना जाता है. यह बिहार में सालों से चला आ रहा है. अक्सर ऐसी जबरदस्ती शादियां इसलिए भी होती है क्योंकि दूल्हे पक्ष के लोग शादी करने के लिए ढेर सारा दहेज मांगते हैं.''

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परिणीति ने कहा कि मैं पकड़वा विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ हूं. आप किसी का अपहरण कर जबरदस्ती शादी नहीं करा सकते हैं. ये गलत है. दहेज की मांग ही नहीं रहेगी तो पकड़वा विवाह भी अपने आप ही खत्म हो जाएगा. मेरी लोगों से विनती है कि लड़की की जिंदगी पर कीमत लगाना बंद करिए.

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