
बजट सत्र के दूसरे हिस्सा का आज तीसरा दिन है. लेकिन बीते दो दिनों की तरह बुधवार को भी संसद में हंगामे की वजह से गतिरोध जारी रहा. लोकसभा की कार्यवाही को पहले 12 बजे तक के लिए और फिर दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया. वहीं राज्यसभा की कार्यवाही भी दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई है.
लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने आज सभी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई है ताकि गतिरोध को खत्म कर सदन को सुचारू रूप से चलाया जा सके. यह बैठ संसद भवन में एक बजे होगी है और उम्मीद है कि बैठक के बाद गुरुवार से लोकसभा की कार्यवाही ठीक ढंग से चल पाएगी.
उधर राज्यसभा में सभापति वेंकैया नायडू ने आज देश के अलग-अलग हिस्सों में मूर्तियां तोड़े जाने की घटना की निंदा की और इसे शर्मनाक बताया. वेंकैया नायडू ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट के जरिए उन्हें मूर्ति तोड़े जाने की घटना का पता चला है. उन्होंने कहा कि जो लोग भी ऐसा कर रहे हैं ये उनका पागलपन दर्शाता है. नायडू ने कहा कि ये घटनाएं तमिलनाडु, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में हुई हैं और मुझे भरोसा है कि संबंधित एजेंसियां इस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेंगी. इसके बाद सदन में सांसदों का हंगामा शुरू हो गया.
संसद में आज का एजेंडा
संसद में आज संसद में बैंकिंग क्षेत्र की अनियमितताओं पर चर्चा होगी. इसमें पीएनबी बैंक घोटाला और नीरव मोदी का मुद्दा शामिल है. राज्यसभा में सांसद राजीव चंद्रशेखर इस मुद्दे पर चर्चा की शुरुआत करेंगे. वहीं लोकसभा में बिना वोटिंग के नियम 193 के तहत बैंक घोटाले पर चर्चा प्रस्तावित है. लोकसभा में रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के सांसद एन के प्रेमचंद्रन से चर्चा की शुरुआत होगी. इसके अलावा कई अन्य दलों के सांसद बैंक प्रणाली की अनियमितताओं पर सरकार का ध्यान दिलाएंगे.
राज्यसभा में आज पेयजन मंत्रालय की स्थायी समिति की रिपोर्ट पटल पर रखी जाएगी. इस मुद्दे पर नवीवत कृष्षन चर्चा की शुरुआत करेंगे और बीजेपी सांसद शमशेर सिंह अपनी बात सदन में रखेंगे. राज्यसभा में मोटर यान विधेयक को भी पारित किया जाना है, इसमें ट्रैफिक नियमों तोड़ने पर सख्त जुर्माने जैसे कई प्रावधान शामिल हैं.
वित्त मंत्री अरुण जेटली आज राज्यसभा में स्टेट बैंक (निरसन और संशोधन) विधेयक पेश कर सकते हैं. सरकार की कोशिश होगी कि ये विधेयक सदन से पारित हो सके. इस विधेयक में बैंकों के विलय के बाद उनके तर्कसंगत इस्तेमाल पर जोर दिया गया है.