
केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नागर हवेली के साथ दमन और दीव के विलय से संबंधित विधेयक को संसद की मंजूरी मिल गई है. दादरा-नागर हवेली और दमन-दीव (संघ राज्यक्षेत्रों का विलयन) विधेयक, 2019 को संसद के दोनों सदनों से मंजूरी मिल गई है. राज्यसभा ने मंगलवार को इस विधेयक को मंजूरी दे दी. लोकसभा से पिछले सप्ताह बुधवार को ही इस विधेयक को मंजूरी मिल गई थी.
लोकसभा से पहले ही हरी झंडी मिल चुकी है. विलय के बाद अब इस केंद्र शासित राज्य का नाम दादरा नगर हवेली और दमन दीव होगा. विधेयक पर बहस के दौरान केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने सदन में कहा, 'इस कदम से प्रशासनिक व्यवस्था मजबूत होगी, विकास को गति मिलेगी और दोनों राज्यों में होने वाला प्रशासनिक खर्च भी कम होगा.' उन्होंने कहा, 'इस विलय के प्रस्ताव को दोनों केंद्र शासित राज्यों की सिविल सोसायटी और इस क्षेत्र से आने वाले सांसदों ने भी मंजूरी दी है.'
विलय के बाद अब देश में आठ केंद्र शासित राज्य होंगे. इससे पहले जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के गठन के बाद देश में केंद्र शासित राज्यों की संख्या 9 हो गई थी. इस विलय के बाद एक संख्या घटकर अब आठ हो जाएगी.
बता दें कि सरकार का यह कदम दोनों क्षेत्रों में प्रशासन को बेहतर बनाने के प्रबंधन के तहत है. यह कदम जम्मू-कश्मीर राज्य के दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन के तीन महीने बाद आया है. जम्मू-कश्मीर के विभाजन से दो केंद्र शासित प्रदेश-जम्मू-कश्मीर व लद्दाख बने हैं.
केंद्र ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के विभाजन की घोषणा की थी और अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया था. चूंकि दादरा व नगर हवेली में सिर्फ एक जिला है और दमन और दीव में दो जिले हैं. ऐसे में केंद्र को दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के लिए अलग-अलग सचिवालयों व दूसरे बुनियादी ढांचों पर खर्च करना पड़ता है. इन क्षेत्रों के देखभाल के लिए अलग बजट भी पारित किया जाता है.