
संसद के शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसदों ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के 'रेप इन इंडिया' बयान पर संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा किया. हालांकि राहुल ने ये बयान सदन से बाहर एक चुनावी रैली में दिया था लेकिन इसकी गूंज सदन में भी सुनाई दी. राहुल ने भी साफ कर दिया कि वो माफी नहीं मांगेंगे. कांग्रेस सांसद का बयान तो सदन से बाहर था लेकिन संसद के अंदर सत्तापक्ष और विपक्ष के कुछ सांसदों ने ऐसे बयान दिए जिसपर सड़क से लेकर संसद तक में चर्चा हुई.
साध्वी ने गोडसे को बताया देशभक्त
सत्र का पहला विवादित बयान बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा का रहा. उन्होंने लोकसभा में नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया, जिसपर जमकर विवाद हुआ. हालांकि बाद में उन्होंने माफी मांग ली थी. लोकसभा में एसपीजी अमेंडमेंट बिल पर चर्चा हो रही थी.
चर्चा के दौरान डीएमके के सांसद ए राजा गोडसे के एक बयान का हवाला दे रहे थे कि उसने महात्मा गांधी को क्यों मारा. ए राजा के इतना कहते ही साध्वी प्रज्ञा ने टोक दिया. साध्वी प्रज्ञा ने गोडसे को देशभक्त बताते हुए कहा, 'आप एक देशभक्त का उदाहरण नहीं दे सकते.' हालांकि, प्रज्ञा सिंह ठाकुर के बयान को लोकसभा के रिकॉर्ड से हटा दिया गया.
अधीर रंजन ने निर्मला को निर्बला सीतारमण बताया
कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में सरकार पर हमलावार तो रहते हैं, लेकिन आक्रामकता में वह कई बार विवादित बयान दे देते हैं. उन्होंने निचले सदन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर आपत्तिजनक बयान दिया था.
अधीर रंजन ने निर्मला सीतारमण को निर्बला सीतारमण बताया. इस बयान के बाद बीजेपी को कांग्रेस पर हमला करने का मौका मिल गया. पार्टी ने इसे मुद्दा बनाया. बीजेपी के हमलावर रुख के बाद अधीर रंजन ने बयान पर माफी मांगी.
निर्मला सीतारमण पर उनके बयान पर अभी विवाद थमा ही नहीं था कि अधीर रंजन ने एक और विवादित टिप्पणी कर दी. उन्होंने मेक इन इंडिया के बहाने मोदी सरकार पर निशाना साधा लेकिन इसमें वो खुद फंस गए. उन्होंने कहा कि भारत रेप इन इंडिया बनता जा रहा है. उनके इस बयान को लेकर बीजेपी ने आज भी लोकसभा में हंगामा किया.
'लहसुन-प्याज नहीं खाती'
ये तो बात हुई साध्वी प्रज्ञा और अधीर रंजन चौधरी की. विवादित बयान से सरकार के मंत्री भी दूर नहीं रहे. लोकसभा में प्याज की कीमतों पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐसा बयान दिया जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी.
निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस सांसद के सवाल के एक जवाब में कहा था, “ मैं इतना लहुसन, प्याज नहीं खाती हूं जी. मैं ऐसे परिवार से आती हूं जहां अनियन से मतलब नहीं रखते.' उनका ये बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था.
वीरेंद्र सिंह मस्त का बयान
वीरेंद्र सिंह मस्त ने ऑटो सेक्टर में मंदी को लेकर एक अजीबोगरीब बयान दिया. उन्होंने लोकसभा में कहा कि देश को बदनाम करने के लिए ऑटो क्षेत्र में मंदी और बिक्री कम होने की बातें की जा रही हैं. उन्होंने सवाल किया कि अगर ऑटो क्षेत्र में मंदी है तब एक एक घर में कई गाड़ियां और सड़क पर जाम क्यों है?
निशिकांत दुबे का जीडीपी पर बयान
सत्र में जीडीपी का मुद्दा उठा. गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने जीडीपी पर ऐसा बयान दिया जिसपर उनकी जमकर खिंचाई हुई. लोकसभा में निशिकांत दुबे ने कहा कि जीडीपी 1934 में आई, इससे पहले कोई जीडीपी नहीं थी, सिर्फ जीडीपी को बाइबल, रामायण या महाभारत मान लेना सत्य नहीं है और भविष्य में जीडीपी का बहुत ज्यादा उपयोग नहीं होगा. जीडीपी से अधिक जरूरी है आम आदमी का स्थायी आर्थिक कल्याण होना, जो हो रहा है.