
गुरूवार को फिल्म पद्मावती विवाद पर संसदीय कमेटी के सामने डायरेक्टर भंसाली की करीब ढाई घंटे से ज्यादा देर तक पेशी हुई. इस दौरान उनसे कई सवाल किए गए. उन्हें कुछ सवालों के लिखित जवाब के लिए दो हफ्ते का वक्त दिया गया है. भंसाली ने कई सवालों के जवाब दिए लेकिन कई सवालों पर उन्होंने चुप्पी साधी. जानिए कमेटी ने भंसाली से क्या सवाल पूछे.
भंसाली से पूछे गए सवाल
#1. सेंसर बोर्ड को फिल्म भेजने से पहले आपने मीडिया में कुछ लोगों को फिल्म क्यों दिखाई? इसका क्या मतलब है.
#2. आपने 11 नवंबर को फिल्म सेंसर बोर्ड के पास भेजी और खुद से ही ऐलान कर दिया की फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज होगी जबकि आपको मालूम है कि सेंसर बोर्ड के पास फिल्म को सर्टिफिकेट देने के लिए 68 दिन का समय होता है. अपने खुद से तारीख कैसे तय कर ली?
#3. जब पिछले डेढ़ साल से विवाद चल रहा है तब आपने इसे ठीक करने के लिए कदम क्यों नहीं उठाया?
#4. जब फिल्मों में सारे नाम और सारे कैरेक्टर इतिहास से लिए हुए हैं तब यह कैसे कहा जा सकता है कि फिल्म का इतिहास से कोई लेना देना नहीं है.
#5. क्या यह बात सही है कि आपने पहले करणी सेना को यह वादा किया था कि फिल्म उन्हें दिखाएंगे?
#6. क्या फिल्म में जौहर का दृश्य दिखाया गया है? क्या सती प्रथा को फिल्मों में दिखाया जा सकता है?
इनमें से कई सवालों के जवाब भंसाली ने कमेटी को दिए. कुछ जवाब के लिए उन्हें 2 हफ्ते का वक्त दिया गया है.
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भंसाली और सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी गुरुवार को संसद की सूचना और तकनीकी कमेटी के सामने पेश हुए. मीटिंग में 14 सदस्यीय कमेटी के 8 सदस्य शामिल हुए. बीजेपी से दो सदस्यों और शिवसेना के एक सदस्य ने फिल्म पर बैन की मांग की. बाकी के सदस्यों ने कहा पहले सेंसर बोर्ड क्लियरेंस दे उसके बाद इस पर कोई फैसला लिया जाना चाहिए.
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संसदीय कमेटी के सामने प्रसून जोशी ने कहा, उन्होंने अभी तक फिल्म नहीं देखी है. फिल्म की सर्टिफिकेशन प्रक्रिया जारी है. फिल्म को पहले रीजनल कमेटी देखेगी और फिर सेंट्रल कमेटी. सेंसर बोर्ड पहले एक्सपर्ट्स की राय लेगा फिर किसी नतीजे पर पहुंचेगा. मीटिंग में सेंसर बोर्ड चीफ से पूछा गया कि क्या फिल्म के प्रोमो को अप्रूव कराया गया था. जिस पर उन्होंने कहा, हां प्रोमो अप्रूव थे. कुछ मेंबर्स ने यह भी कहा कि कमर्शियल फायदे के लिए विवादों को तूल दिया जा रहा है.