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पठानकोट हमले पर चार्जशीट दाखिल, मसूद अजहर और उसके भाई को बनाया आरोपी

कमेटी ने पठानकोट आतंकी हमले को रोकने के लिए की गई सुरक्षा तैयारियों पर सवाल उठाया है. गृह मंत्रालय ने पूछा कि पहले से ही आतंकी अलर्ट होने के बावजूद आतंकवादी कैसे उच्च सुरक्षा वाले एयर बेस में घुसने में कामयाब हुए.

जनवरी में हुआ था पठानकोट आतंकी हमला जनवरी में हुआ था पठानकोट आतंकी हमला
लव रघुवंशी/कमलजीत संधू
  • नई दिल्ली,
  • 19 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 1:12 PM IST

जनवरी में हुए पठानकोट हमले पर एनआईए ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. 101 पन्ने की चार्जशीट में जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर मौलाना मसूद अजहर, उसके भाई अब्दुल रउफ असगर, लांचिंग कमांडर शाहिद लतीफ और हैंडलर कासिफ जान को मुख्य अरोपी बनाया गया है. 2 जनवरी को पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले में सात जवान शहीद हुए थे, जबकी 37 लोग घायल हुए थे.

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लेकिन इससे पहले ही चार्जशीट को लेकर संसद की स्टैंडिंग कमेटी और गृह मंत्रालय के बीच टकराव उभर आया है. संसद की स्टैंडिंग कमेटी ने सवाल उठाते हुए गृह मंत्रालय से पूछा है कि जानकारी के बाद भी हमला कैसे हुआ. आजतक के पास इसकी एक्सक्लूसिव जानकारी है. कमेटी ने पठानकोट आतंकी हमले को रोकने के लिए की गई सुरक्षा तैयारियों पर सवाल उठाया है. गृह मंत्रालय ने पूछा कि पहले से ही आतंकी अलर्ट होने के बावजूद आतंकवादी कैसे उच्च सुरक्षा वाले एयर बेस में घुसने में कामयाब हुए.

99 पेज की रिपोर्ट के अनुसार हमले की ठोस और विश्वसनीय खुफिया जानकारी होने के बावजूद ढिलाई बरती गई. आतंकवादी और उनके आका रक्षा प्रतिष्ठान पर हमले की योजना बना रहे थे, जिसकी बातचीत भी जारी की गई. हालांकि सुरक्षा में चूक की बात को गृह मंत्रालय ने नकार दिया है.

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रिपोर्ट में भारत-पाकिस्तान सीमा पर सुरक्षा को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए गए हैं. सवाल पूछा गया है कि आतंकियों द्वारा क्यों लगातार घुसपैठ हो रही है, उसे क्यों नहीं रोका जा रहा है. इतना ही नहीं समिति ने पाकिस्तानी संयुक्त जांच दल द्वारा आतंकी हमले के स्थान का निरीक्षण करने पर भी आश्चर्य व्यक्त किया है.

7 जवान हुए थे शहीद
2 जनवरी 2016 को तड़के सुबह 3:30 बजे पंजाब के पठानकोट में पठानकोट वायु सेना स्टेशन पर भारी मात्रा में असलहा बारूद से लैस आतंकवादियों ने आक्रमण किया था. आतंकियों से मुठभेड़ में 7 जवान शहीद हो गए थे. सभी आतंकवादी भी मारे गए थे. हालांकि किसी संभावित बचे हुए आतंकी के छुपे होने की स्थित में खोज अभियान 5 जनवरी को भी चल रहा था.

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