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बिहार: आजीवन सरकार बंगले पर हाईकोर्ट ने जताई हैरानी, पूछा सवाल

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की याचिका को खारिज करते हुए पटना हाईकोर्ट ने पूछा कि आखिर किस आधार पर पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला प्राप्त है?

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज किया (फाइल फोटो) आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज किया (फाइल फोटो)
रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 08 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 3:22 AM IST

बिहार में पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन मिले सरकारी बंगले को लेकर पटना उच्च न्यायालय ने सोमवार को हैरानी व्यक्त की और सवाल उठाया कि आखिर किस आधार पर पूर्व मुख्यमंत्रियों को यह सुविधा प्राप्त है ?

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की याचिका जिसमें उन्होंने अपना सरकारी बंगला 5, देशरत्न मार्ग को ना खाली करने की बात कही थी को खारिज करते हुए जस्टिस अमरेंद्र कुमार शाही और जस्टिस अंजना मिश्रा ने बिहार सरकार को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया कि आखिर किस आधार पर पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन बंगला आवंटित किया गया है ?

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तेजस्वी की याचिका को खारिज करने के दौरान जस्टिस अमरेंद्र चाहिए और जस्टिस अंजना मिश्रा ने इस बात की ओर इशारा किया कि बिहार में बंगला आवंटन की प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है और एक ही नेता को दो-दो बंगला आवंटित कर दिया जाता है.

पटना उच्च न्यायालय ने इस बात को भी ले कर हैरानी जताई कि जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन आवंटित सरकारी बंगला छोड़ना पड़ा तो यह आदेश आखिर बिहार में पूर्व मुख्यमंत्रियों पर क्यों नहीं लागू हो रहा है ?

बिहार में फिलहाल पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से राबड़ी देवी और लालू प्रसाद यादव को 10, सर्कुलर रोड, बंगला आवंटित है. पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर जीतन राम मांझी को 12 एम स्टैंड रोड का बंगला आवंटित है. पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर जगन्नाथ मिश्रा और सतीश प्रसाद सिंह को भी हार्दिक रोड में एक -एक बंगला आवंटित है.

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पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिले बंगले के विवाद को लेकर पटना उच्च न्यायालय में कल फिर सुनवाई होगी.

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