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मुजफ्फरपुर केस की जांच से हाई कोर्ट असंतुष्ट, CBI को फटकार

इस यौन शोषण केस में बृजेश ठाकुर नाम का व्यक्ति मुख्य आरोपी है. केस के तार बिहार की राजनीति में दखल करने वाले बड़े चेहरों में भी जुड़े हैं. यहां तक कि समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को इस केस के चलते इस्तीफा भी देना पड़ा है.

पटना हाई कोर्ट ने सीबीआई को लगाई फटकार पटना हाई कोर्ट ने सीबीआई को लगाई फटकार
जावेद अख़्तर/सुजीत झा
  • पटना,
  • 29 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 2:02 PM IST

मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन शोषण मामले की जांच कर रही सीबीआई को एक बार फिर पटना हाई कोर्ट ने फटकार लगाई. इस मामले की जांच करने वाले सीबीआई एसपी जेपी मिश्रा के तबादले पर सीबीआई ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया, इससे नाराज हाई कोर्ट ने सीबीआई को कड़ी फटकार लगाई और नए सिरे से मामले की जांच करने का आदेश भी दिया.

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कोर्ट ने राज्य सरकार को शेल्टर होम के बारे में पूरा ब्योरा कोर्ट में पेश करने को कहा है. पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मुकेश आर. शाह की दो सदस्यीय खंडपीठ ने सीबीआई डीआईजी या एसपी की जगह अब बालिका यौन शोषण मामले की जांच की मॉनिटरिंग का काम स्पेशल डायरेक्टर के हवाले कर दिया है. यानी अब वे ही पूरे प्रकरण की जांच की मॉनिटरिंग करेंगे. कोर्ट ने जांच में तेजी लाने के लिए सीबीआई को अपनी देखरेख में एक एसआईटी गठित करने का भी निर्देश दिया है. कोर्ट ने अब तक की जांच में असंतुष्टि जाहिर की है.

पटना हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई मंगलवार को भी हुई थी जिसमें कोर्ट ने सभी पीड़ित बालिकाओं को मुआवजा देने का आदेश राज्य सरकार को दिया. हाई कोर्ट ने बिहार स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी को तीन हफ्ते के अंदर मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की पीड़िताओं को मुआवाजे की राशि का भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था.

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कोर्ट ने एक महिला वकील प्राकृतिका को भी नियुक्त किया है जो बालिका गृह की लड़कियों से मिलकर उनसे पूरी जानकारी जुटाएंगी और कोर्ट को इस बाबत सूचित करेंगी. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि राज्य में कितने शेल्टर होम हैं और उनमें से कितने शेल्टर होम एनजीओं के द्वारा संचालित हैं. मामले की अगली सुनावाई 17 सितंबर को होगी.

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