
5 दिसंबर को पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) आमने-सामने आ गई हैं. NDA के दोनों सहयोगी दलों के बीच विवाद की वजह जेडीयू उपाध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी प्रशांत किशोर हैं. बीजेपी नेताओं ने मंगलवार को पटना के पीरबहोर थाना पर धरना देते हुए प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी की मांग की.
दरअसल, 5 दिसंबर को होने वाले छात्र संघ चुनाव के लिए प्रचार प्रसार का काम सोमवार शाम 5 बजे समाप्त हो गया. नियम के अनुसार विश्वविद्यालय में आदर्श आचार संहिता लागू है जिसके तहत कोई भी राजनीतिक दल का नेता विश्वविद्यालय परिसर में नहीं जा सकता है मगर इन सबकी अनदेखी करते हुए प्रशांत किशोर ने सोमवार शाम पटना विश्वविद्यालय के कुलपति रासबिहारी सिंह से उनके आवास पर 3 घंटे लंबी मुलाकात की.
प्रशांत किशोर की गाड़ी पर हुआ था पथराव
कुलपति के साथ प्रशांत किशोर की इस मुलाकात की जानकारी जैसे ही छात्रों को मिली उन्होंने कुलपति आवास का घेराव किया और उसके बाद प्रशांत किशोर पर हमला बोल दिया. प्रशांत किशोर जैसे तैसे अपनी गाड़ी में जान बचाकर भागे. इस दौरान उनकी गाड़ी पर पथराव हुआ जिससे गाड़ी के शीशे भी टूट गए. इस मामले में पटना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए देर रात बीजेपी समर्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों को हिरासत में ले लिया.
इसके विरोध में बीजेपी 4 विधायकों अरुण सिन्हा, सूरज नंदन कुशवाहा, नितिन नवीन और संजीव चौरसिया ने पीरबहोर थाने पर नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर के खिलाफ नारेबाजी की और प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी की मांग की.
आजतक से बातचीत करते हुए अरुण सिन्हा ने कहा कि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए प्रशांत किशोर ने विश्वविद्यालय के कुलपति से उनके आवास पर मुलाकात की जिसे लेकर पटना पुलिस को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए.
बीजेपी विधायक नितिन नवीन ने कहा कि प्रशांत किशोर छात्रों के चुनाव में बेवजह दखलअंदाजी कर रहे हैं और कुलपति से मिलकर उन्होंने उनपर दबाव बनाया कि चुनाव के दिन जेडीयू के सभी उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित की जाए.
बीजेपी नेताओं की मांग थी कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के जिन 10 छात्रों को हिरासत में लिया गया था उन्हें छोड़ा जाए. इसी मामले में पुलिस ने 9 छात्रों को मंगलवार के दिन में छोड़ दिया जबकि एक छात्र कर्ण को न्यायालय से जमानत मिल गई. कर्ण को जमानत मिलने के बाद ही बीजेपी नेताओं ने पीरबहोर थाने पर अपने धरने को समाप्त किया मगर प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी की मांग को लेकर वह अड़े रहे.
प्रशांत किशोर ने किया ट्वीट
विश्वविद्यालय में सोमवार को अपने साथ हुई घटना को लेकर प्रशांत किशोर ने भी मंगलवार को ट्वीट किया और कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने चुनाव में संभावित हार को देखते हुए उनकी गाड़ी पर पथराव किया.
इस पूरे मुद्दे को लेकर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी ट्वीट किया और कहा कि नीतीश कुमार की भक्ति करने वाले बीजेपी नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी अपने विधायकों के मुख्यमंत्री के खिलाफ धरने पर खामोश बैठे हैं. तेजस्वी ने तंज कसते हुए कहा कि सुशील मोदी अपने विधायकों की बजाय नीतीश कुमार के भक्ति को तवज्जो दे रहे हैं.