
नेटफ्लिक्स सीरीज 'जामताड़ा' इन दिनों सुखियां बटोर रही है. देश भर में हुए अनगिनत ऑनलाइन फ्रॉड के तार झारखंड के जामताड़ा जिले से जुड़े हैं. यह सीरीज ऐसी ही कुछ असली घटनाओं पर आधारित है. ऐसी फिल्मों और बैंकिंग व वित्तीय संस्थानों की ओर से चलाए जा रहे जागरूकता अभियानों की वजह से आम लोग अब ऑनलाइन फ्रॉड के प्रति सजग तो हुए हैं, लेकिन ऐसे फर्जीवाड़े थमने का नाम नहीं ले रहे. फ्रॉड करने वाले नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को चूना लगा रहे हैं.
ऐसे मैसेज आएं तो हो जाएं सावधान
पेटीएम और अन्य वित्तीय संस्थान बार बार यह कह चुके हैं कि संदिग्ध फोन कॉल्स या मैसेज से सावधान रहें. लेकिन मैसेज भेजने वाले भी इतने होशियार हो चले हैं कि वे अपने फर्जी संदेशों को भी असली दिखाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर एक ऐसे ही संदिग्ध मैसेज का मजमून नीचे देखें.
इसमें भेजने वाले की जगह कोई अनजान नंबर नहीं, बल्कि BP-PTMKYC लिखा हुआ है. एक नजर में किसी को भी लगेगा कि ये संदेश पेटीएम की ओर से ही आया है. इस मैसेज में लिखा है कि पाने वाले की केवाईसी एक्सपायर होने वाली है और 24 घंटे में खाता ब्लॉक हो जाएगा. मैसेज में एक मोबाइल नंबर भी है, जिस पर संपर्क करने कहा गया है.
कैसे लगाते हैं शिकार को चूना?
पेटीएम केवाईसी फ्रॉड का शिकार हो चुके एक शख्स ने पुलिस से शिकायत की थी कि उसे पिछले महीने एक ऐसे ही अनजान नंबर से मैसेज मिला था. संदेश में कहा गया था कि अगर केवाईसी अपडेट नहीं की गई तो अकाउंट ब्लॉक हो जाएगा. पीड़ित ने मैसेज में बताए नंबर पर संपर्क किया. सामने वाले ने पीड़ित को अपने मोबाइल फोन पर 'टीम व्यूवर' ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा और पेटीएम अकाउंट से किसी भी नंबर पर एक रुपया भेजने के लिए कहा. फर्जीवाड़ा करने वाले शख्स ने इस दौरान पीड़ित का पेटीएम आईडी और पासवर्ड जान लिया. जब तक यह कॉल डिस्कनेक्ट होता, पीड़ित के खाते से 1.72 लाख रुपये निकाले जा चुके थे.
कंपनी का क्या कहना है?
कंपनी का कहना है कि वे किसी भी ग्राहक को ऐसे मैसेज नहीं भेजते. कंपनी ने ग्राहकों से अपील की है कि वे ऐसे संदेशों के चक्कर में न फंसें. कस्टमर केयर पर की गई बातचीत के मुताबिक, कंपनी की एक साइबर सिक्योरिटी टीम भी है, जो ऐसे मामलों की शिकायत आने पर उसकी जांच करती है. पेटीएम कस्टमर केयर ने उस नंबर की जानकारी मांगी, जिस पर केवाईसी के लिए संपर्क करने कहा गया था. कंपनी का कहना है कि वे इंटरनल तरीके से इस मामले की जांच करेंगे और एक्शन लेंगे.