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अभी और लगेगी पेट्रोल-डीजल कीमतों में आग, 80 डॉलर प्रति बैरल पहुंचेगा कच्चा तेल

बारक्लेज बैंक ने अपने नये अनुमान में कहा है कि लघु अवध‍ि में कच्चा तेल 80 डॉलर प्रति बैरल का आंकड़ा छू सकता है. इसका सीधा मतलब है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में जल्द राहत की उम्मीद कम ही है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
विकास जोशी
  • नई दिल्ली,
  • 11 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 1:39 PM IST

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार जारी रिकॉर्ड बढ़ोतरी के लिए केंद्र सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जारी उथल-पुथल को जिम्मेदार ठहरा रही है. फिलहाल उसकी तरफ से राहत देने को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है. ऐसे में अगर आप कच्चे तेल में नरमी का इंतजार कर रहे हैं, तो वह मिलना फिलहाल मुश्क‍िल लग रही है.

बारक्लेज बैंक ने अपने नये अनुमान में कहा है कि लघु अवध‍ि में कच्चा तेल 80 डॉलर प्रति बैरल का आंकड़ा छू सकता है. इसका सीधा मतलब है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आने वाले दिनों में राहत की उम्मीद कम ही है.

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बारक्लेज ने अपनी फॉरकास्ट रिपोर्ट में कहा है कि 2017 में कच्चे तेल को को लेकर चिंताएं कम थीं. इसकी सप्लाई भी बेहतर रहने की उम्मीद थी. लेक‍िन अब सब कुछ बदल गया है. पहले बैंक ने 2020 तक कच्चे तेल के 55 डॉलर प्रति बैरल रहने का अनुमान लगाया था.

लेक‍िन अपनी नई रिपोर्ट में बैंक ने कहा है कि 2020 में ब्रेंट क्रूड 75 डॉलर प्रति बैरल पर रह सकता है. बैंक ने कहा, ''पहले के मुकाबले अमेरिका ज्यादा तेजी से सैंक्शन का इस्तेमाल कर रहा है. दूसरी तरफ, तेल की सप्लाई करने वाले कई ओपेक देश आपूर्ति पूरी करने में सक्षम नजर नहीं आ रहे हैं.''

बीएनपी परिबास से जुड़ीं ऑयल स्ट्रैटजिस्ट हैरी चिलिंग्युरियन ने रॉयटर्स से बातचीत में बताया कि 2019 में कच्चे तेल की सप्लाई कम हो सकती है. उन्होंने कहा, ''ईरान पर यूएस की तरफ से सैंक्शन लगाए जा रहे हैं. वेनेजुएला में प्रोडक्शन कम हो रहा है. इससे आपूर्ति पर असर पड़ना तय है.''

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उन्होंने अनुमान लगाया है कि 2019 में ब्रेंट क्रूड 79 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर रह सकता है. इसकी वजह से आगे भी पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से राहत मिलना मुश्क‍िल लग रहा है.

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अगर कच्चे तेल की कीमतें यूं ही बढ़ती रहती हैं, तो सरकार को ही कोई कदम उठाना होगा. वरना ईंधन की कीमतों से जल्द राहत मिलना मुश्क‍िल है.

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