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अभी और रुलाएंगी पेट्रोल की कीमतें, कच्चा तेल 75 डॉलर के पार पहुंचा

पेट्रोल और डीजल की कीमतों का लगातार बढ़ने का सिलसिला जारी है. यह सिलसिला फिलहाल थमने का नाम नहीं लेने वाला है, क्योंकि कच्चे तेल की कीमतों में भी लगातार इजाफा हो रहा है.

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है  (Getty images) पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है (Getty images)
विकास जोशी
  • नई दिल्ली,
  • 24 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 4:10 PM IST

पेट्रोल और डीजल की कीमतों का लगातार बढ़ने का सिलसिला जारी है. यह सिलसिला फिलहाल थमने का नाम नहीं लेने वाला है, क्योंकि कच्चे तेल की कीमतों में भी लगातार इजाफा हो रहा है. मंगलवार को कच्चे तेल की कीमतें तीन साल के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई हैं. कच्चा तेल 75 डॉलर के पार पहुंच गया है.

मंगलवार को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 74.63 रुपये पर पहुंच गई है. मुंबई में आपको एक लीटर पेट्रोल के लिए 82.48 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं. डीजल की बात करें, तो इसकी कीमतें भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं. दिल्ली में एक लीटर डीजल के लिए मंगलवार को आपको 65.93 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं. वहीं मुंबई में डीजल 70 के पार पहुंच गया है.

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पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, लेक‍िन फिर भी आपको फिलहाल इससे राहत मिलने की संभावना ना के बराबर है. वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी.

दूसरी तरफ, अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमतें भी आसमान छू रही हैं. मंगलवार को कच्च तेल की कीमतें 75 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गई है. मंगलवार के कारोबार में कच्चे तेल ने 75.27 डॉलर प्रति बैरल का स्तर छू लिया है, जो पिछले तीन साल के ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है.

आगे भी कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी जारी रहने की आशंका जताई जा रही है. कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा का मतलब है कि देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी बढ़ोतरी होनी तय है.  

बता दें कि देश में लगातार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी जारी है. ऐसे में लोगों को उम्मीद थी कि सरकार एक्साइज ड्यूटी घटाकर दामों से राहत दिलाएगी, लेक‍िन ऐसा होता नहीं दिख रहा है. दूसरी तरफ, यही केंद्र सरकार बीजेपी शासित 21 राज्य सरकारों से कह रही है कि वे पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले बिक्री कर या वैट में कटौती करें.

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वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि सरकार को यदि बजट घाटे में कटौती के लक्ष्य को पूरा करना है तो एक्साइज ड्यूटी में कटौती की सलाह नहीं दी जा सकती. उन्होंने कहा, 'उत्पाद शुल्क में कटौती एक राजनीतिक निर्णय होगा, लेकिन हमें यदि बजट में निर्धारित वित्तीय घाटे के लक्ष्य पर अडिग रहना है तो इसकी सलाह नहीं दी जा सकती.'

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