
देश के आम जनता से लेकर पेट्रोल पंप मालिक और ऑयल इंडस्ट्री 16 जून से ऐसा बदलाव देखने वाली है जो अभूतपूर्व है. 16 जून के बाद आपकी गाड़ियों में भरे जाने वाले ईंधन की कीमत हर 24 घंटे में बदल जाया करेगी. लेकिन पेट्रोल पंप मालिक इस बड़े बदलाव के लिए किसी भी कीमत पर तैयार नहीं हैं और इसे बिना तैयारी के लिया गया नोटबंदी जैसा एक और फैसला बता रहे हैं.
'झगड़े का अड्डा बनेंगे पेट्रोल पंप'
पेट्रोल पंप मालिकों ने इस मसले पर मंगलवार को ऑयल इंडस्ट्री के साथ बैठक भी है. पेट्रोल पंप मालिक एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय बंसल ने बताया कि देश भर के सभी पंपों के पूरी तरह ऑटोमेशन में आए बिना यह कदम घातक होगा. बंसल ने कहा कि मैनुअली मशीन में नया रेट डालने की प्रक्रिया में पूरा एक घंटा लगता है. अब अंदाजा लगाइए कि जो लोग रात के 11.50 पर पेट्रोल डलवाने आएंगे, जो कि आमतौर पर थोक में डीजल लेने वाले ट्रक मालिक होते हैं, वह एक दिन पहले के रेट पर डीजल मांगेंगे जबकि रेट बदल चुका होगा. इससे रोज़ाना पेट्रोल पंप झगड़ों का अड्डा बन जाएंगे.
सीधे कंपनी के सर्वर से जुड़ें पंप
एसोसिएशन का कहना है कि जब तक सभी पेट्रोल पंप पूरी तरह कम्प्युटराइज्ड ना हों और वह सीधे कंपनी के सर्वर से ना जुड़ जाएं तब तक यह करना ठीक नहीं है. यह पूछने पर कि इसमें कितना वक्त लगेगा, बंसल ने बताया कि देश में कुल 56 हजार पेट्रोल पंप हैं और उनमें से अब तक सिर्फ 10 हजार पंप पूरी तरह ऑटोमेटेड हैं. अब बाकी बचे 46 हजार पंपों को ऑटोमेटेड करने में बहुत वक्त लगेगा.
अमेरिका का सिस्टम
पेट्रोल पंप मालिक एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय बंसल ने बताया कि पश्चिमी देशों में भी यही सिस्टम है कि पेट्रोल-डीजल के रेट रोजाना रिव्यू होते हैं लेकिन वहां एमआरपी सिस्टम होता है. जहां डीलर कंप्टीशन के हिसाब से रेट बढ़ा-घटा भी सकता है लेकिन यहां हम रिटेल आउटलेट हैं. कंपनी दाम तय कर देती है और उस पर ही पेट्रो पदार्थ बेचने होते हैं. जाहिर है ऐसे में अगर सीधे कंपनी से पेट्रोल पंपों में रेट अपडेट नहीं होंगे तो मार्जिन मनी का भी नुकसान होगा.
16 जून से होगी हड़ताल
एसोसिएशन साफ कहा है कि अगर सरकार उनकी चिंताएं सुनकर कोई ठोस समाधान नहीं देती तो सारे मैनुअल पेट्रोल पंप ओनर्स हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर होंगे और ऐसी स्थिति में ऑटोमेटेड भी उनका साथ देंगे.