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2021 के बाद यूनिवर्सिटी में पढ़ाने के लिए पीएचडी आवश्यक!

असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को भी पीएचडी किया होना आवश्यक है और उसके बाद बिना पीएचडी की डिग्री के कोई यूनिवर्सिटी में पढ़ा नहीं सकेगा.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
मोहित पारीक
  • नई दिल्ली,
  • 02 मई 2018,
  • अपडेटेड 4:29 PM IST

साल 2021 से शिक्षक बनने के लिए उम्मीदवारों को पीएचडी करना आवश्यक हो जाएगा. असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को भी पीएचडी किया होना आवश्यक है और उसके बाद बिना पीएचडी की डिग्री के कोई यूनिवर्सिटी में पढ़ा नहीं सकेगा. साथ ही शिक्षकों को पहले इंडक्शन प्रोग्राम भी पूरा करना होगा.

साथ ही शिक्षकों को सामुदायिक विकास और एक्सट्रा एक्टिविटी को लेकर छात्रों के परामर्श के लिए दो घंटे समर्पित करना होगा. मानव संसाधन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभी सहायक प्रोफेसर के लिए न्यूनतम पात्रता नेट उत्तीर्ण करना है, लेकिन अब इसमें बदलाव किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीएचडी के अलावा उम्मीदवारों को राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा या राज्य स्तरीय पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी.

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हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार यूजीसी जल्द ही शिक्षकों के लिए न्यूनतम योग्यता तय कर सकता है. बताया जा रहा है कि टीचर और प्रोफेसर के लिए न्यूनतम शिक्षा का प्रावधान करने से शिक्षा के स्तर में सुधार होगा. साथ ही 1 जुलाई 2021 के बाद एसोसिएट प्रोफेसर का प्रमोशन भी पीएचडी के आधार पर ही किया जाएगा.

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वहीं 2009 से पहले पीएचडी करने वाले उम्मीदवारों को नेट करने की आवश्यकता नहीं है जबकि अन्य उम्मीदवारों को नेट पास करना आवश्यक है. बताया जा रहा है कि सरकार उच्च शिक्षा में सुधार के लिए अन्य कदम भी उठाने जा रही है.

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