
पठानकोट एयरबेस में घुसे आतंकियों के मंसूबे हमारे लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों को तबाह करना थे, लेकिन वे नाकाम रहे. क्योंकि खुफिया एजेंसियों ने केंद्र सरकार और वायुसेना को पहले ही चौकन्ना कर दिया था. केंद्र ने वायुसेना से कह दिया था कि एयरबेस से सारे विमान हटा लें. आतंकी जब एयरबेस की बाहरी सीमा से दाखिल हुए उससे छह घंटे पहले ही वायुसेना ने अपने विमान हटा लिए थे.
वायुसेना के संपर्क में थे सुहाग
यह दावा अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से दी गई एक रिपोर्ट में किया है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पठानकोट में वायुसेना के गरुड़ कमांडो के अलावा सेना की नौ टुकड़ियां, एनएसजी की दो और पंजाब पुलिस के जवान तैनात कर दिए गए. इस ऑपरेशन में सेना की भूमिका की आलोचना पर सूत्रों ने कहा कि जैसे ही खुफिया इनपुट मिला सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा एक दूसरे के संपर्क में आ गए.
ऐसे खाली किया एयरबेस
सूत्रों ने बताया कि वायुसेना के पायलट विमान लेकर निकल गए थे, जबकि सेना ने हथियारों को सुरक्षा घेरा दिया. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने फिदायीन हमले को नाकाम करने वाले इस ऑपरेशन को सफल करार दिया. डोभाल ने कहा कि 'सुरक्षा के मामलों में यह ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं होता कि आपके साथ क्या हुआ है. बल्कि यह ज्यादा अहम होता है कि जो भी हुआ है, उसका सामना आपने कैसे किया. यह सेना, वायुसेना, एनएसजी और पुलिस का सफल ऑपरेशन रहा.'