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छात्रों से बोले PM मोदी- मां-बाप को बच्चों पर अपने सपने नहीं थोपना चाहिए

शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर दिल्ली के मानेक शॉ ऑडिटोरियम में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के सम्मान में सिक्का जारी किया. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने देशभर से आए स्कूली बच्चों के साथ संवाद किया. प्रधानमंत्री ने बच्चों से शिक्षक दिवस के महत्व के बारे में बातचीत की.

छात्रों के बीच पीएम मोदी छात्रों के बीच पीएम मोदी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 सितंबर 2015,
  • अपडेटेड 1:53 PM IST

शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर दिल्ली के मानेक शॉ ऑडिटोरियम में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्कूली बच्चों के साथ संवाद किया.

प्रधानमंत्री ने बच्चों से शिक्षक दिवस के महत्व के बारे में बातचीत की. PM मोदी ने अपने संबोधन और छात्रों के सवालों के जवाब देते हुए कहा....

-- लंबे कुर्ते की बांह मैंने खुद काटी, मेरा कोई फैशन डिजाइनर नहीं. मैं बचपन में लोटे में गरम कोयला डालकर अपने कपड़े प्रेस करता था.

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-- 21 जून को सबसे लंबा दिन होता है, इसलिए इसे ही योग दिवस के रूप में चुना. 177 देशों ने योग का समर्थन किया है.

-- मां-बाप को बच्चों पर अपने सपने नहीं थोपना चाहिए. सिर्फ थोप देने से सफलता नहीं मिलती. आजकल मां-बाप बहुत व्यस्त हैं. मां-बाप को बच्चों के साथ समय बिताना चाहिए.

-- अच्छा बोलने के लिए अच्छा श्रोता होना जरूरी है. youtube पर बड़े-बड़े श्रोताओं के भाषण सुनें.

-- अच्छा बोलने के लिए अच्छा श्रोता होना जरूरी है.

-- कई लोगों की कविताएं कलम से निकलती हैं, कई की आंसुओं से निकलती हैं. मैं अपनी भावनाओं को कविता के रूप में लिखने की कोशिश करता हूं. हालांकि मैं उसे कविता नहीं मानता.

-- कामयाबी की कोई रेसिपी नहीं हो सकती. दुनिया में ऐसा कोई नहीं, जिसे विफलता न मिली हो. विफलता को सपनों का कब्रि‍स्तान न बनने दें.

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-- IAS, IPS, वकालत पेशे से जुड़े लोग सप्ताह में 1 घंटा या साल में 100 घंटे बच्चों को पढ़ाने में लगाएं.

-- सिर्फ नेता या फौजी बनना ही देशसेवा नहीं. छोटी-छोटी चीजों से भी देशसेवा होती है.

-- खुद को जानने के बाद मन से काम करें. जो भी काम हाथ में लें, उसे पूरे मन से करें.

--स्वच्छ भारत अभि‍यान हमारे स्वभाव से जुड़ा है. इस अभि‍यान की हर कोई तारीफ कर रहा है. मीडिया ने कमाई छोड़कर सफाई का बीड़ा उठाया. हम कचरे को कमाई में बदल सकते हैं.

--तैरना और योग मेरा शौक है. मैं सुबह 5 बजे व्यायामशाला जाता था. राजनीति वाले क्या खेलते हैं, ये सबको मालूम है.

--हम सभी डिजिटल इंडिया से अछूते नहीं रह सकते. विकास को गति देनी है, तो डिजिटल इंडिया जरूरी है. बिजली इसमें रुकावट नहीं बनेगी.  हमारा लक्ष्य है कि देशभर में साल 2022 तक हर जगह 24 घंटे बिजली मिले.

--खुद में नेतृत्व क्षमता विकसित करें.

--अलग-अलग क्षेत्र के अच्छे लोग राजनीति में आएं. देश में सबसे ज्यादा राजनेताओं की छवि खराब हुई.

--मां किसी को जन्म देती है, जबकि गुरु उसे जीवन देता है. 

-- विद्यार्थी के जीवन में शिक्षक का बड़ा महत्व. मां और शिक्षक दो लोगों की भूमिका व्यक्तित्व निर्माण में सबसे अहम.

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-- हर शिक्षक को अपने विद्यार्थियों के बारे में और हर व्यक्ति को अपनी यादों के बारे में लिखना चाहिए. इससे उसके जीवन में शिक्षक की भूमिका के बारे में पता लगेगा.

-- एक उम्र के बाद विद्यार्थी सबसे ज्यादा समय अपने शिक्षक के साथ बिताता है. ऐसे में शिक्षक का बहुत बड़ी दायित्व हो जाता है.

-- डॉ. राधाकृष्णन जी ने सर्वोच्च पद पर पहुंचकर भी अपने अंदर के शिक्षक को बरकरार रखा. शिक्षक कभी रिटायर हो ही नहीं सकता.

-- बच्चों को बहुत प्यार करते थे डॉ. कलाम.

राधाकृष्णन के सम्मान में सिक्का जारी
इस मौके पर पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के सम्मान में सिक्का जारी किया गया.

गौरतलब है कि हर साल 5 सितंबर को पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन देशभर में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कला उत्सव के लिए एक  वेबसाइट  लॉंच की. इसका मकसद शिक्षा में कला को बढ़ावा देना है.



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