
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में रोड शो किया और इस दौरान वह काशी विश्वनाथ मंदिर भी गए. लेकिन प्रधानमंत्री के काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचने से कुछ मिनट पहले ही भाजपा समर्थकों और कार्यकर्ताओं की नजर मंदिर के गेट के सामने एक बिल्डिंग पर गई, जिस पर कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का पोस्टर लगा हुआ था.
फिर क्या था पोस्टर को देखते ही बीजेपी के समर्थक उग्र हो गए और प्रशासन और पुलिस से उलझ गए और मांग करने लगे कि पोस्टर को तुरंत उतारा जाए. मंदिर पर मौजूद बीजेपी के समर्थकों का कहना था कि जिस बिल्डिंग पर राहुल और अखिलेश के पोस्टर लगे थे, वह एक मस्जिद है जिसका नाम बीवी रजिया मस्जिद है.
भाजपा कार्यकर्ताओं का आरोप था कि मस्जिद की दीवार पर राहुल गांधी और अखिलेश यादव के इतने बड़े पोस्टर से आचार संहिता का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन हो रहा था. भाजपा नेताओं की दलील थी कि चुनाव आयोग के निर्देश के अनुसार किसी भी धार्मिक स्थल पर किसी भी राजनीतिक दल के बैनर या पोस्टर नहीं लगाए जाएंगे.
पहले तो प्रशासन के लोगों ने भाजपा समर्थकों के इस दलील को अनसुना कर दिया, मगर जैसे-जैसे मामला उग्र होता गया प्रशासन ने आनन-फानन में राहुल गांधी और अखिलेश यादव के पोस्टर को उतार दिया. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन कर निकलने के बाद प्रशासन ने वापस राहुल और अखिलेश के पोस्टर को लगा दिया.