
संसद के बजट सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष से संपर्क साधने की कोशिश की है. पीएम मोदी ने मंगलवार को प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक बुलाई. बैठक में JNU विवाद को लेकर चर्चा हुई.
अगले सप्ताह शुरू होगा बजट सत्र
अगले सप्ताह शुरू हो रहे बजट सत्र को सुचारु रुप से चलाने पर विचार करना इस बैठक का अहम मकसद है. बीते दो सत्रों का ज्यादातर समय हंगामे की भेंट चढ़ गया था. विपक्ष और खासकर कांग्रेस के निशाने पर हमेशा रहने वाले पीएम मोदी ने इस तरह की पहली बैठक बुलाई है. कांग्रेस उनपर लगातार आरोप लगाते रही है कि सरकार टकराव की मूड में है और दूसरे दलों को भरोसे में लेने में नाकाम रही है.
सबसे अहम होगा जीएसटी बिल
23 फरवरी से शुरू होकर तीन महीने तक चलने वाले इस बजट सत्र में सरकार के एजेंडे में सबसे ऊपर जीएसटी विधेयक रहने वाला है. जीएसटी विधेयक राज्यसभा में लंबित है. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि वह जीएसटी पर गतिरोध को खत्म करने के लिए कांग्रेस को गंभीरता से साथ नहीं ले रही है. पीएम मोदी की ओर से प्रमुख राजनीतिक दलों के लोकसभा और राज्यसभा के नेताओं की बैठक बुलाई गई है. सरकार का कहना है कि यह सर्वदलीय बैठक नहीं है. इस सत्र में सरकार जिन विधेयकों को पेश करना चाहती है उन पर इस बैठक में चर्चा नहीं होगी. पीएम मोदी दोनों सदनों को सुचारु रुप चलाने में सभी दलों का सहयोग मांगेगे.
सदन में फिर रस्साकशी की आशंका
हाल ही में प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया था कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में मिली हार का बदला लेने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कई मौकों पर संसद को बाधित किया है. सोनिया गांधी ने मोदी पर पलटवार करते हुए कहा कि जब भी उनकी पार्टी ने गरीबों और आम आदमी से जुड़े मुद्दों को उठाने की कोशिश की तो उसकी आवाज को दबाने के प्रयास किए गए.